JAMSHEDPUR: गुजरात के मोरबी स्टेशन से स्पेशल ट्रेन मजदूरों को लेकर रविवार की दोपहर 3.30 बजे टाटानगर स्टेशन पहुंचेगी। मोरबी स्टेशन से ट्रेन का परिचालन शनिवार की सुबह 11 बजे हो गया है। इस ट्रेन में 24 कोच रहेंगे और सभी कोच के दरवाजों को मोरबी स्टेशन से ही लॉक कर दिया जाएगा। ताकि कोई भी मजदूर चलती ट्रेन से उतरने का प्रयास नहीं करे। ट्रेन का परिचालन 71.23 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से होगा। मोरबी स्टेशन से 2030 किलोमीटर की दूरी तय कर झारखंड के मजदूरों को लेकर टाटानगर स्टेशन पहुंचेगी।

इन स्टेशनों से होकर गुजरेगी ट्रेन

मोरबी, गैरतपुर, गोधरा, रतलाम, इंदौर जंक्सन, संत हीरदरम नगर, बीना, न्यू कांति जक्शन, झारसुगुड़ा स्टेशन होते हुए यह ट्रेन टाटानगर स्टेशन रविवार की दोपहर पहुंचेगी।

टाटानगर स्टेशन में हो रही तैयारी

टाटानगर स्टेशन में गुरुवार को तेलंगाना व शुक्रवार को गुजरात से दो मजदूर स्पेशल ट्रेन पहुंची थी। ट्रेन के पहुंचने के बाद जब सभी मजदूरों को उनके गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया। उसके बाद पूरे स्टेशन को सैनिटाइज किया गया। ताकि बाहर से आने वाले मजदूरों के साथ किसी तरह का आया संक्रमण स्टेशन परिसर में न रहे। स्टेशन परिसर के प्रत्येक कार्यालय, बैरिकेडिंग, हेल्प डेस्क सहित पूरे स्टेशन परिसर की साफ सफाई कराई गई। पूरी सफाई होने के बाद एक बार फिर से गुजरात से रविवार को टाटानगर आने वाली नई ट्रेन के स्वागत के लिए रेलवे विभाग व जिला प्रशासन की पूरी टीम लग गई है। ताकि मजदूरों को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाया जा सके। वहीं थर्मल स्क्रीनिंग को दौरान खास सावधानी बरती जा रही है। ताकि कोई भी संदिग्ध या संक्रमित मजदूर टाटानगर स्टेशन से बाहर नहीं निकल पाए।

रेलवे की अहम भूमिका

विभिन्न प्रदेशों में फंसे झारखंड के मजदूरों को झारखंड में वापस लाने के लिए रेलवे ने अहम भूमिका निभाई है। यात्री ट्रेनों का परिचालन रद होने के बावजूद राज्य सरकार के आग्रह पर मजदूर स्पेशल ट्रेन का परिचालन शुरु कर दिया है। इसके तहत विभिन्न प्रदेश से झारखंड आने वाली ट्रेनों में होने वाले कुल खर्च का 85 प्रतिशत खर्च रेलवे वहन कर रही है। जबकि 15 प्रतिशत खर्च का वहन राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है।

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बिचौलिए उठा रहे फायदा

विभिन्न प्रदेशों से आने वाले मजदूरों को मुफ्त में झारखंड तक लाने का प्रयास रेलवे व झारखंड सरकार द्वारा किया जा रहा है। रेलवे उन मजदूरों को संख्या के हिसाब से टिकट की व्यवस्था भी करा रही है। जिसका फायदा बिचौलिया किस्म के लोग उठा रहे हैं और टिकट को मजदूरों को देकर उनसे किराया का रुपया वसूल रहे हैं। ऐसे बिचौलियों से रेलवे को बचना चाहिए और मजदूरों के स्टेशन पहुंचने पर ही उनके हाथ में रेलवे टिकट देना चाहिए। ताकि गरीब मजदूरों को टिकट के नाम पर यह बिचौलिए न ठग पाए।