जीएमएस को आसान बनाने के लिए सुझाव

1- सरकार इस स्कीम में भाग लेने वालों के लिए गोल्ड सोर्स डिक्लेयर करने के लिए बाध्य न करे।

2- शादीशुदा औरतों को बिना सोर्स बताए 500 ग्राम तक सोना डिपॉजिट करने की इजाजत दे। इसको स्त्री धन माना जाए और इसे टैक्स के दायरे से बाहर माना जाए।

3- आदमियों को बिना सोर्स बताए 250 ग्राम तक सोना डिपॉजिट करने की लिमिट फिक्स हो। वहीं बच्चो के लिए यह लिमिट 100 ग्राम तक होनी चाहिए।

4- बीआईएस सर्टिफाइड ज्वैलर्स को कलेक्शन एजेंट बनाने की मांग।

ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलर ट्रेड फेडरेशन के एक पदाधिकारी के अनुसार सरकार अनौपचारिक तौर पर कह चुकी है की वह 13,000 बीआईएस ज्वैलर्स को जीएमएस का हिस्सा बनाएगी। महीने के अंत तक देशभर मे 55 कलेक्शन और प्योरिटी टेस्टिंग सेंटर होंगे। अगर सरकार ने यह मांगे मान ली तो यह स्कीम आसान और कस्टमर फ्रेंडली हो जाएगी।

स्कीम सफल हुई तो कम होगा व्यापार घाटा

आरबीआई के गर्वनर रघुराम राजन ने बताया कि एक अनुमान के अनुसार 2015 में भारत 1,000 टन से ज्यादा सोना आयात करेगा। अगर यह स्कीम सफल हो गई तो भारत की इंपोर्टेड गोल्ड पर डिपेंडेंसी कम हो जाएगी और चालू व्यापार घाटा को लेकर देश की चिंता भी कम हो जाएगी।

कया है गोल्ड मोनेटाईजेशन स्कीम

यह स्कीम प्राइम मिनिस्टर नरेन्द्र मोदी ने नवंबर 2015 में लान्च की थी। इस स्कीम के तहत कोई भी कम से कम 30 ग्राम सोना बैंक में एक साल तक डिपॉजिट कर सकेगा। इसके एवज में बैंक ग्राहक को इन्टरेस्ट देगा। इसका इन्टरेस्ट रेट बैंक खुद तय करेगा। ग्राहक सोना जमा करते वक्त ही तय करेगा की वह इन्टरेस्ट कैश में लेंगे या सोने में। इस योजना में तीन लॉक इन पीरियड होंगे शॉट टर्म 1 से 3 वर्ष, मीडियम टर्म 5 से 7 वर्ष एंवम लॉन्ग टर्म 12 से 15 वर्ष। इसे एफडी की तरह समय से पहले भी तोडा जा सकता है। इस सोने के एवज में मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स नही लगेगा। अब तक इस स्कीम में सिर्फ 400 ग्राम गोल्ड जमा हुआ है।

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