आगरा। सिटी में गर्मी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे मे जब बिजली की कटौती होती है तो रेफ्रिजरेटर भी फेल हो जाते हैं। ऐसे मे काम आता है देशी वॉटर कूलर यानि की मटका। देशी वॉटर कूलर की मांग भी इन दिनों काफी बढ़ गई है। यही कारण है कि अब मांग के अनुसार इन वॉटर कूलर में भी कई डिजाइन और साइज उपलब्ध हैं। यह वॉटर कूलर आगरा के अलावा देश के दूसरे कोने से भी मंगवाए जा रहे हैं। इन देशी वॉटर कूलर की इतनी सुंदर डिजाइन हैं कि लोग इनकी ओर बिना आकर्षित हुए नहीं रह पाते हैं। यही कारण है कि जो भी इन्हें देखता है वह बिना इनको लिए नहीं रह पाता हैं।

देशी वॉटर कूलर की वैरायटी

यह मटके जयपुरी मटके, दिल्ली के मटके, कलकत्ता के मटके, मुंबई के मटके और सिलीगुड़ी के मटकों के नाम से बिकते हैं। इन सभी की अलग-अलग डिजाइन और वैरायटी है।

स्वच्छता का रखा जाता है ध्यान

मटके में हाथ न डालना पड़े इस स्वच्छता की दृष्टि से हर बड़े मटके में टोंटी का लगाई गई है। इससे बच्चों को भी पानी निकालने में आसानी होती है। इसके साथ ही सभी के फिटिंग के स्टाइलिश ढक्कन भी बनाएं गए हैं। ताकि उनमें धूल और गर्मी से बचाव किया जा सकें।

बालू और मिट्टी के मटके

जयपुरी मटके को बालू और मिटटी के मिश्रण से बनाया जाता है। इसकी विशेषता यह है कि इसमें पानी 24 घंटे ठंडा बना रहता है। इसकी गोल आकृति के ऊपर बालू से ही डिजाइन की गई है। जो देखने में चमकदार और भुरभुरी लगती है।

तेल के कुप्पों वाली डिजाइन

दिल्ली के मटकों की डिजाइन मरजीना डिजाइन के कुप्पों वाली है। जिस प्रकार अली बाबा चालीस चोर की कहानी में तेल के कुप्पों में चोर छिपे थे उसी डिजाइन में इन तेल के कुप्पों में मीठा पानी भरा जाता हैं। लम्बी सुराही जैसी डिजाइन में मीनाकारी की गई है।

सिलीगुड़ी की डिजाइन के मटके

सिलीगुढ़ी की डिजाइन के मटके चौड़े मुंह के मटके हैं। इन्हें साफ करना आसान होता है। इसके अलावा इसकी खासियत यह है कि इसमें सुंदर नक्काशी की गई है। जो कि देखने में काफी मनमोहक है। मटका मालिक लाल सिंह के अनुसार इन मटके में पानी 24 घंटे के लिए अगर आप रख दें तो वह ठंडा रहता है। इसकी ठंडक के कारण और डिजाइन के कारण ही इसे लोग ज्यादा पसंद करते हैं।

हर रेट के हैं मटके और सुराही

एक मटके की कीमत 50 रुपये से लेकर 350 रुपये तक है। इसके अलावा सुराहियों की कीमत भी 10 रुपये से लेकर 50 रुपये तक है।