सीटें कम होती जाएंगी
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक मोहम्मद जमशेद की अध्यक्षता वाली कमिटी इसकी सिफारिश कर रही है. ऐसे में अगर यह सिफारिश लागू होती है तो इन ट्रेन का किराया बढ़ने में देर नहीं लगेगी. हवाई जहाज की तरह ही सभी मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों का किराया बुकिंग के साथ बढ़ता जाएगा, यानी जितनी सीटें कम होती जाएंगी, किराये में बढ़ोतरी होती जाएगी. कमिटी ने ट्रेनों के यात्री ले जाने की क्षमता को भी बढ़ाने की सिफारिश की है. वहीं रेलमंत्री ने कमिटी की इस रिपोर्ट पर काफी सराहना की है. उन्होंने कहा कि जो भी सिफारिशें उचित व संभव होंगी उन्हें लागू किया जायेगा. कमिटी ने इसमें यात्रियों की सुख सुविधाओं के साथ ही ट्रेनों के बेहतर सुविधा की सलाह दी है.
 
मालभाड़े की बढ़ोतरी में बाधाएं 
वहीं सूत्रों की माने तो कमिटी ने सीधे-सीधे किराये बढ़ाने की सिफारिश तो नहीं की है, लेकिन कमिटी ने यह जरूर कहा कि किरायों को तर्कसंगत किया जाना चाहिए. बताते चलें कि कमिटी ने ऐसे क्षेत्रों की भी पहचान करके रेलवे को दी है, जहां किरायों को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है. इतना ही नहीं कमिटी ने उन बाधाओं की भी पहचान की है, जिनकी वजह से रेलवे पर यात्री और मालभाड़े की बढ़ोतरी में बाधाएं आ रही हैं. कमिटी का मानना है कि पिछले पांच साल में आरक्षित श्रेणी को छोड़कर बाकी क्षेत्रों में रेल यात्रियों की संख्या में कमी आई है. इसके अलावा कमिटी ने ट्रेनों के मेंटिनेंस के साथ ही बिजी रूटों पर यात्रियों को ले जाने की क्षमता को बढ़ाने की भी सिफारिश की है.

रेल लाइन का शुभारंभ किया
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेल मंत्रालय से ही विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस रेल लाइन का शुभारंभ किया. जिससे लगभग साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार पूर्वोत्तर भारत के लुमडिंग से सिलचर तक बनी ब्रॉडगेज रेल लाइन पर मालगाड़ियों ने दौड़ना शुरू कर दिया है. यह लाइन काफी अहम है. लाइन इसलिए अहम है कि यह त्रिपुरा, मणिपुर और मिजोरम के साथ ही बराक वैली से गुजरती है. हालांकि इस लाइन पर फिलहाल मालगाड़ियों ने दौड़ना शुरू किया है. सबसे खास बात यह तो है कि इस लाइन के चालू होने के बाद इन इलाकों तक अनाज समेत अन्य जरूरी सामान पहुंचाना अब और आसान हो जाएगा. 210 किमी लंबी इस रेल लाइन के रास्ते में 79 बड़े पुल और 340 छोटे पुल बनाए गये हैं.


सीटें कम होती जाएंगी
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक मोहम्मद जमशेद की अध्यक्षता वाली कमिटी इसकी सिफारिश कर रही है. ऐसे में अगर यह सिफारिश लागू होती है तो इन ट्रेन का किराया बढ़ने में देर नहीं लगेगी. हवाई जहाज की तरह ही सभी मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों का किराया बुकिंग के साथ बढ़ता जाएगा, यानी जितनी सीटें कम होती जाएंगी, किराये में बढ़ोतरी होती जाएगी. कमिटी ने ट्रेनों के यात्री ले जाने की क्षमता को भी बढ़ाने की सिफारिश की है. वहीं रेलमंत्री ने कमिटी की इस रिपोर्ट पर काफी सराहना की है. उन्होंने कहा कि जो भी सिफारिशें उचित व संभव होंगी उन्हें लागू किया जायेगा. कमिटी ने इसमें यात्रियों की सुख सुविधाओं के साथ ही ट्रेनों के बेहतर सुविधा की सलाह दी है.

 
मालभाड़े की बढ़ोतरी में बाधाएं 
वहीं सूत्रों की माने तो कमिटी ने सीधे-सीधे किराये बढ़ाने की सिफारिश तो नहीं की है, लेकिन कमिटी ने यह जरूर कहा कि किरायों को तर्कसंगत किया जाना चाहिए. बताते चलें कि कमिटी ने ऐसे क्षेत्रों की भी पहचान करके रेलवे को दी है, जहां किरायों को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है. इतना ही नहीं कमिटी ने उन बाधाओं की भी पहचान की है, जिनकी वजह से रेलवे पर यात्री और मालभाड़े की बढ़ोतरी में बाधाएं आ रही हैं. कमिटी का मानना है कि पिछले पांच साल में आरक्षित श्रेणी को छोड़कर बाकी क्षेत्रों में रेल यात्रियों की संख्या में कमी आई है. इसके अलावा कमिटी ने ट्रेनों के मेंटिनेंस के साथ ही बिजी रूटों पर यात्रियों को ले जाने की क्षमता को बढ़ाने की भी सिफारिश की है.


रेल लाइन का शुभारंभ किया
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेल मंत्रालय से ही विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस रेल लाइन का शुभारंभ किया. जिससे लगभग साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार पूर्वोत्तर भारत के लुमडिंग से सिलचर तक बनी ब्रॉडगेज रेल लाइन पर मालगाड़ियों ने दौड़ना शुरू कर दिया है. यह लाइन काफी अहम है. लाइन इसलिए अहम है कि यह त्रिपुरा, मणिपुर और मिजोरम के साथ ही बराक वैली से गुजरती है. हालांकि इस लाइन पर फिलहाल मालगाड़ियों ने दौड़ना शुरू किया है. सबसे खास बात यह तो है कि इस लाइन के चालू होने के बाद इन इलाकों तक अनाज समेत अन्य जरूरी सामान पहुंचाना अब और आसान हो जाएगा. 210 किमी लंबी इस रेल लाइन के रास्ते में 79 बड़े पुल और 340 छोटे पुल बनाए गये हैं.

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