कानपुर (इंटरनेट डेस्‍क): Hit and Run Law Protest News Update: भारत भर में कई ट्रांसपोर्टर और ऑटो-चालक संघ हिट एंड रन घटनाओं पर नए कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ट्रासंपोर्ट की हड़ताल के चलते यूपी बिहार, एमपी समेत तमाम राज्‍यों में लाखों मुसाफिर सड़कों पर परेशान घूम रहे हैं। उन्‍हं शहर के भीतर और बाहर जाने के लिए कोई साधन नहीं मिल रहा है। बता दें कि भारतीय दंड संहिता की जगह लेने वाले भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत, जो ड्राइवर लापरवाही से गाड़ी चलाकर गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनते हैं और पुलिस या प्रशासन के किसी अधिकारी को सूचित किए बिना भाग जाते हैं, उन्हें 10 साल तक की सजा या जुर्माना हो सकता है। 7 लाख रुपये का. पहले आईपीसी में ऐसे मामलों में दो साल की सज़ा था।

परिवहन ऑपरेटरों का आरोप, सरकार ने हमसे बात किए बिना बनाया सख्‍त कानून
निजी परिवहन ऑपरेटरों का दावा है कि कानून ड्राइवरों के लिए मुश्किल भरा है और इसके कारण उन्हें अन्यायपूर्ण दंड का सामना करना पड़ सकता है। उनका दावा है कि जब ड्राइवर घायलों को अस्पतालों तक ले जाने का प्रयास करते हैं तो वे भीड़ की हिंसा का शिकार हो सकते हैं। ऐसे में वो कानून को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। हिट-एंड-रन मामलों पर नए कानून के खिलाफ परिवहन संघों और ड्राइवरों के विरोध पर, ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष, राजेंद्र कपूर ने कहा, "सरकार से हमारी एकमात्र मांग यह है कि ट्रांसपोटर्स से विचार विमर्श करने के बाद ही सरकार को ऐसा डिसीजन लेना चाहिए था। जबकि सरकार ने इस बारे में सरकार ने हमारे साथ कोई बैठक नहीं की।

सरकार के साथ बातचीत करने की कोशिशें शुरु
राजेंद्र कपूर ने खुलासा किया है कि केवल गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में नए कानून के बारे में बात की। यहां तक कि मंत्रियों को भी अभी नए कानून के बारे में ठीक से जानकारी नहीं है। हमारे संगठन द्वारा कोई विरोध प्रदर्शन नहीं किया गया है। हम आज 1:30 बजे एक वर्चुअल मीटिंग कर रहे हैं। जिसमें हम तमाम ट्रांसपोर्ट यूनियन के साथ बात करके भविष्य की रणनीति का खुलासा करेंगे। राजेंद्र कपूर ने आगे कहा है कि विरोध से कभी कोई समाधान नहीं निकल सकता। हमें पूरा विश्वास है कि सरकार हमारे सदस्यों के साथ बातचीत करेगी और हमारी सिफारिशों के आधार पर आवश्यक संशोधन करेगी।

इस हड़ताल के चलते पेट्रोल पंपों पर शुरु हुई मारामारी
इस बीच, ट्रांसपोर्टरों और ड्राइवरों ने राज्यों भर में विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिए हैं। नए हिट-एंड-रन कानून के विरोध में निजी बस और ट्रक चालकों ने सोमवार को मध्य प्रदेश राज्य भर में 'चक्का जाम' कर दिया है। इसी तरह का विरोध प्रदर्शन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी हुआ, जहां बस चालकों ने नए केंद्रीय कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया है। मंगलवार को ट्रांसपोटर्स की हड़ताल और विरोध प्रदर्शन के कारण नार्थ इंडिया के तमाम शहरों में कई पेट्रोल पम्पों पर आउट ऑफ स्‍टॉक का बोर्ड लगने से लोगों के बीच पेट्रोल खत्‍म होने का डर फैल गया है। इसका नतीजा यह हुआ कि नागपुर से लेकर कानपुर, लखनऊ और गोरखपुर समेत तमाम शहरों में पेट्रोल पंपों पर वाहन चालकों की लंबी-लंबी लाइने लग गई हैं।

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