-बीएलओ को महंगा पड़ रहा घर-घर जाकर वोटर स्लिप बांटना

-घरों के पते आवंटन में अनियमितता से भटकने को मजबूर

<-बीएलओ को महंगा पड़ रहा घर-घर जाकर वोटर स्लिप बांटना

-घरों के पते आवंटन में अनियमितता से भटकने को मजबूर

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: सात मई को वोटिंग से पहले घर-घर वोटर स्लिप बंटवाने का चुनाव आयोग का नियम वाकई काबिलेगौर है। लेकिन, इसका एक दूसरा पक्ष भी है। शहर के कई इलाकों में मकानों के नंबर सीरियल वाइज न होने से बीएलओ असमंजस में हैं। ज्यादा प्रॉब्लम शहर दक्षिणी में है। यहां पर एक-एक घर ढूंढने में बीएलओ को लंबा समय लग रहा है।

यहां पर है ज्यादा दिक्कत

सबसे ज्यादा प्रॉब्लम गौस नगर, करेली और उसके आसपास के एरिया में आ रही है। यहां पर कई बूथों के वोटर्स को अभी तक वोटर स्लिप नहीं बट सकी है। रीजन साफ है, नगर निगम द्वारा बांटे गए मकान नंबर सीरियल वाइज नहीं है। ऊपर से लोगों ने घर के बाहर पते का बोर्ड या मार्क नहंीं लगा रखा है। गर्मी के सीजन में बीएलओ को पता ढूंढने के लिए घंटों भटकना पड़ रहा है। इस एरिया के कई मोहल्लों में स्ट्रीट लाइट खराब होने से रात में भी यह काम करना मुश्किल है।

प्रभावित हो सकती है वोटिंग

परेशानियों के चलते जिस स्पीड से इस एरिया में वोटर स्लिप बांटने का काम चल रहा है, उससे मतदान प्रभावित हो सकता है। इरफान अली एजूकेशन एंड चैरिटेबल सोसायटी के सिब्तैन अली सिददीकी ने इस संबंध में चुनाव कंट्रोल रूम में शिकायत भी दर्ज करा दी है। उनकी संस्था के लोगों ने बीएलओ के साथ मिलकर ख्म् अप्रैल से स्लिप बंटवाने में मदद भी की लेकिन सफलता हाथ नहीं लग सकी है। फिलहाल भीषण गर्मी में यह काम जैसे-तैसे चल रहा है।

कछार के भी हालात खराब

मैदानी इलाकों में ही नहीं, यह समस्या कछारी इलाकों में भी है। यहां भी नगर निगम की ओर से मकानों के नंबर बांटने में अनियमितता की गई है। दो मकान नंबरों का ओर-छोर दूर-दूर तक नहीं मिल रहा है। बता दें कि कछार के इलाकों को लेकर शासन का रुख पहले से सख्त हो चुका है। जिसको लेकर नगर निगम भी बैकफुट पर चला गया है।

एक मई तक का है समय

ख्म् अप्रैल से शुरू हुआ वोटर स्लिप बांटने का अभियान एक मई तक चलना है। खुद जिला निर्वाचन अधिकारी ने यह डेट फिक्स की है। बीएलओ को स्लिप बांटकर उसकी रिसीविंग जिला प्रशासन को सौंपनी होगी। नियम यह भी है कि वोटर स्लिप सीधे घर के सदस्य को ही दी जानी है। ऐसे में बीएलओ बुरी तरह फंस चुके हैं, जल्दबाजी मे वह किसी और को इसे रिसीव नहीं करा सकते हैं।