यातायात नियमों का उल्लंघन और सड़कों की दशा और दुर्दशा बन रही हादसे की वजह
अफसरों और कुछ अभिभावकों की नजरंदाजी से हादसों में हो रहा इजाफा
PRATAPGARH: यातायात नियमों का पालन न करना और सपाट सड़कों की वजह से हादसों में इजाफा हो रहा है। हादसों में काफी हद तक युवाओं के अभिभावकों की नजरंदाजी भी बड़ी वजह मानी जा रही है। इन्हीं कारणों से बेल्हा में हर वर्ष लगभग डेढ़ सौ से अधिक लोगों को मौत हो रही है। यही नहीं सैकड़ों लोग मौत से बचने के बाद ¨जदगी भर के लिए अपाहिज हो जा रहे हैं।
हादसों में लोग गंवा रहे हैं जान
रोड हादसों में सड़कों की दशा व दुर्दशा दोनों ही वजह मानी जा रही हैं। यानी सड़क खराब तो वाहनों को खतरा, च्च्छी तो तेज गति से खतरा। दोनों ही दशा में हादसे बढ़ रहे हैं। जिले में पिछले तीन वर्षो में हुए सड़क हादसों पर नजर डालें तो यही मिलता है कि जरा सी असवाधानी में चालक खुद भी मरे व बेकसूर मुसाफिरों को भी बर्बाद कर गए। जिला मुख्यालय से संडवा गायघाट रोड, जामताली रोड व कटरा रोड को छोड़ दिया जाए तो बाकी सभी सड़कें इन दिनों चमचमा रही हैं। इस पर बेकाबू रफ्तार में वाहनों का संचालन किया जा रहा है। इस पर न तो प्रशासन का ध्यान है और न ही पुलिस या परिवहन महकमे का।
दुर्घटनों की वजह
दुर्घटनाओं के अन्य कारणों पर गौर करें तो नो इंट्री के नियम का सही ढंग से पालन न होना और ओवरट¨कग लिए गलत साइड को चुनना भी कारण के रूप में उभरते हैं। विगत तीन साल में जिले में जिले में जो भी हादसे हुए हैं उनके कारणों में उपरोक्त ही रहे हैं। इसके अलावा नशे में वाहन संचालन, बाइक पर तीन और चार लोगों का सफर करना, जुगाड़ गाड़ी का इस्तेमाल, ट्रैक्टर का गैरकृषि कार्य में लगाया जाना भी मुसीबत बनता है। अधिकांश हादसे आमने सामने वाहनों की भिड़ंत के कारण ही हुए हैं।
बाक्स
वर्षवार हुए हादसों पर एक नजर
हादस-दर-हादसे
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वर्ष 2013
105 लोगों की मौत
233 लोग हुए घायल
225 वाहन क्षतिग्रस्त
165 दोपहिया क्षतिग्रस्त
45 चार पहिया वाहन टूटे
15 बस व ट्रक भी क्षतिग्रस्त
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वर्ष 2014
90 लोगों की मौत
246 लोग हुए घायल
185 वाहन क्षतिग्रस्त
315 दोपहिया क्षतिग्रस्त
36 चार पहिया वाहन टूटे
14 बस व ट्रक भी क्षतिग्रस्त
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वर्ष 2015
95 लोगों की मौत
168 लोग हुए घायल
204 वाहन क्षतिग्रस्त
105 दोपहिया क्षतिग्रस्त
63 चार पहिया वाहन टूटे
36 बस व ट्रक भी क्षतिग्रस्त