संयुक्त राष्ट्र ने ज़ोर देकर कहा है कि क़ानून के भीतर देश के सभी नागरिकों की सुरक्षा होनी चाहिए.

भारत में संयुक्त राष्ट्र संघ केी रेजीडेंट कोऑर्डिनेटर लीज़ ग्रांड ने कहा, ''दोनों किशोरियों के परिजनों को और निचली जातियों की उन सभी महिलाओं और लड़कियों को न्याय मिलना चाहिए जो ग्रामीण भारत में प्रताड़ना और बलात्कार की शिकार हुई हैं. महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा केवल महिलाओं का मुद्दा नहीं है, यह मानवाधिकार का मामला है.''

उन्होंने कहा, ''दिल्ली में दिसम्बर 2013 में एक युवती के सामूहिक बलात्कार और हत्या के बाद कई प्रगतिशील सुधार और बदलाव हुए और जस्टिस वर्मा कमेटी की ऐतिहासिक रिपोर्ट आई, लेकिन क़ानून बनाना समस्या के समाधान का केवल एक हिस्सा है. इसका लागू होना भी उतना ही महत्व रखता है जितना कि सोच में बदलाव.''

मामला

संयुक्त राष्ट्र ने की बदायूं गैंग रेप की निंदा

बीते बुधवार को उत्तर प्रदेश के बदायूं ज़िले में पिछड़े वर्ग से आने वाली दो नाबालिग लड़कियों के शव पेड़ से लटके हुए पाए गए थे. दोनों लड़कियां रिश्ते में बहनें थीं और उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था.

पुलिस के अनुसार, बीते मंगलवार को जिला मुख्यालय से 42 किमी दूर कटरा शहादतगंज गांव से दोनों लड़कियां गायब हुई थीं.

इनमें से एक की उम्र 14 साल और दूसरी की उम्र 16 साल थी.

बदायूं के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अतुल सक्सेना ने बीबीसी को बताया था कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि हुई है. इसमें मौत का कारण फांसी सामने आया है.

इस वारदात में पुलिस को जिन पाँच लोगों की तलाश थी, उन सभी को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है.

पुलिस के मुताबिक बीते रविवार को गिरफ़्तार किए गए पांच लोगों में से दो ने अपने अपराध कबूल कर लिए हैं.

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