चिकित्सक ने बताया अनफिट
आपको बताते चलें कि दैनिक जागरण ने यह खबर सोमवार को ही दे दी थी कि योगेश्वर पूरी तरह से फिट नहीं हैं और डॉक्टरों ने उन्हें मुकाबले में उतरने से मना किया है। योगेश्वर भारतीय दल के साथ लास वेगास चले गए थे, लेकिन चैंपियनशिप के चिकित्सकों ने उन्हें शत-प्रतिशत फिट नहीं पाया। इसके बाद उन्हें पुरुषों के 65 किग्रा से हटने की सलाह दी गई। डब्ल्यूएफआई के एक शीर्ष अधिकारी से पूछा गया कि जब योगेश्वर शत-प्रतिशत फिट नहीं थे तो उन्हें अमेरिका क्यों भेजा गया? उन्होंने कहा कि इस 32 वर्षीय पहलवान ने महासंघ को आश्वासन दिया था कि वह अच्छी स्थिति में है और टूर्नामेंट में भाग लेने में उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी।

अमेरिका भेजने पर सफाई
अधिकारी ने कहा, 'अमेरिका रवाना होने से पहले वह घुटने की अपनी चोट से उबर गए थे और 90 प्रतिशत से भी अधिक फिट थे। दस सितंबर को होने वाले मुकाबले से पहले उसके पूरी तरह फिट होने की संभावना थी, लेकिन यदि वह इसमें हिस्सा लेते तो उनके घुटने को और नुकसान पहुंचने की संभावना थी, इसलिए उन्हें टूर्नामेंट से हटाने का फैसला किया गया। ओलिंपिक से पहले अभी चार और क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट हैं इसलिए जोखिम लेना समझदारी भरा कदम नहीं होता।'

धनकड़ ने जताई थी नाराजगी
योगेश्वर के भारवर्ग में अमित धनकड़ भी विश्व चैंपियनशिप में चयन के हकदार थे, लेकिन योगेश्वर के चुने जाने से उनका पत्ता कट गया। इस चयन पर धनकड़ ने नाराजगी जताते हुए शिकायत भी की थी कि योगेश्वर पूरी तरह फिट नहीं हैं। डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह अब चाहते हैं कि योगेश्वर के हटने पर 65 किग्रा में किसी और पहलवान को चुना जाए, लेकिन अब समय पर्याप्त नहीं है। अमेरिकी दूतावास ने दूसरे पहलवान के वीजा साक्षात्कार के लिए कोई तिथि तय नहीं की है।

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