ये उस समय की बात है
उस समय उस पत्र को देख बिडेन काफी उलझ गए थे। उस समय से अब तक वह इस गुत्थी को सुलझा नहीं पा रहे थे कि आखिर मुंबई से उन्हें ये पत्र किसने भेजा है। अब इतने सालों बाद उनकी यह उलझन सुलझ सकी है। उनको अब ये मालूम पड़ गया है कि उनके एक पूर्वज ईस्ट इंडिया कंपनी में भी काम करते थे। उन्हीं के माध्यम से इस पत्र को भेजा गया था।

बिडेन ने किया खुलासा
बिडेन ने इस बात का खुलासा किया भारत-अमेरिका परमाणु समझौते की 10वीं वर्षगांठ के मौके पर। इस मौके पर भारतीय उद्योग परिसंघ और कार्नेगी एनडाउमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस की ओर से आयोजित एक समारोह में उन्होंने बताया कि मुंबई में अभी भी उनके कुल पांच रिश्तेदार रहते हैं। आपको बता दें कि अब से करीब दो साल पहले जब बतौर उपराष्ट्रपति बिडेन अपनी पहली भारत यात्रा के दौरान मुंबई गए थे, उस समय उन्होंने इस पत्र का जिक्र किया था।

किसी ने दिया उनको रिश्तेदारों का पता
उस समय के बाद अब बिडेन ने बताया कि उस पत्र को भेजने वाले के राज पर से पर्दा उठ गया है। उन्होंने बताया कि उनके एक पूर्वज जॉर्ज बिडेन ईस्ट इंडिया ट्रेडिंग कंपनी में कैप्टन हुआ करते थे। सेवानिवृत्ति के बाद जॉर्ज बिडेन ने भारत में ही बसने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने एक भारतीय महिला से शादी भी कर ली। इस राज के खुलासे को लेकर उन्होंने बताया कि किसी ने उनको मुंबई में उनके रिश्तेदारों का पता व फोन नंबर उपलब्ध कराया। अभी फिलहाल उन्होंने अपने रिश्तेदारों से बात नहीं की है। ऐसा करने के लिए अभी वह सिर्फ योजना ही तैयार कर रहे हैं।

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