लखीमपुर खीरी (एएनआई)। UP Assembly Elections 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में चाैथे चरण में 23 फरवरी को मतदान होगा। इसमें यूपी की लखीमपुर खीरी विधानसभा भी शामिल है। किसानों की कथित हत्या के लिए पिछले साल अक्टूबर में लखीमपुर खीरी काफी चर्चा में रहा। इसलिए इस बार यहां पर मुकाबला काफी रोमांचक माना जा रहा है। 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के योगेश वर्मा ने समाजवादी पार्टी (सपा) के उत्कर्ष वर्मा मधुर को 37,000 से अधिक मतों के भारी अंतर से हराकर लखीमपुर सीट जीती थी। लखीमपुर खीरी विधानसभा क्षेत्र में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगेगी। वह एक स्थानीय सांसद हैं। इसके अलावा उनके बेटे आशीष मिश्रा का नाम किसानों की मौत की घटना के बाद एफआईआर में भी रहा। हालांकि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाल ही में लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आशीष मिश्रा को जमानत दे दी है।

भाजपा सपा ने अपने-अपने उम्मीदवारों को दोहराया

दिलचस्प बात यह है कि भाजपा और सपा दोनों ने अपने-अपने उम्मीदवारों को दोहराया है। संसद में और बाहर भी लखीमपुर खीरी हिंसा से उत्पन्न राजनीतिक गर्मी के कारण निर्वाचन क्षेत्र ने चल रहे चुनावों में ध्यान आकर्षित किया। 2012 में, सपा के उत्कर्ष वर्मा मधुर ने बहुजन समाजवादी पार्टी के ज्ञान प्रकाश वाजपेयी को हराकर सीट जीती थी। कांग्रेस ने रविशंकर त्रिवेदी को मैदान में उतारा है जबकि बसपा ने मोहन वाजपेयी को इस सीट से उतारा है। आम आदमी पार्टी (आप) की खुशी किन्नर भी एआईएमआईएम के मोहम्मद उस्मान सिद्दीकी के साथ मैदान में हैं।

2017 में खीरी की सभी सीटों पर जीती थी भाजपा

खीरी लोकसभा सीट के आठ विधानसभा क्षेत्र मोहम्मदी, गोला गोकर्णनाथ, कस्ता, लखीमपुर, श्रीनगर, निघासन, धौरहरा और पलिया कलां हैं। यहां पर कुल 28,02,835 मतदान करेंगे, जिसमें 1495069 पुरुष मतदाता और 1307623 महिला मतदाता हैं। निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं की सूची में 42,911 पहली बार मतदाताओं को जोड़ा गया है। 2017 में बीजेपी ने जिले की सभी सीटों पर जीत हासिल की थी। 1977 के चुनाव के बाद से सपा यहां चार बार चुनाव जीत चुकी है जबकि भाजपा तीन बार जीती है। यूपी विधानसभा चुनाव की मतगणना 10 मार्च को होगी।

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