लखनऊ(ब्यूरो): ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा का मानना है कि बिजली बिल भरने के मामले में प्रदेश के नेताओं, अधिकारियों और सरकारी विभागों का रिकॉर्ड ठीक नहीं है। वे बिजली इस्तेमाल करने में जितने तेज हैैं, बिल जमा करने में उतने ही सुस्त हैं। इन पर बिल का लगभग 13 हजार करोड़ रुपये बकाया है। इसीलिए ऊर्जा विभाग अब उनके सरकारी बंगलों पर प्रीपेड स्मार्ट बिजली मीटर लगाएगा, ताकि बिल की रकम एडवांस आ जाए और वसूली का कोई झंझट ही न रहे।

15 नवंबर से शुरुआत

इसकी शुरुआत ऊर्जा मंत्री खुद अपने कालिदास मार्ग स्थित सरकारी बंगले में 15 नवंबर को प्रीपेड मीटर लगाकर करेंगे। इसके साथ ही सरकारी आवासों में यह मीटर लगाने का काम शुरू हो जाएगा। मंत्री ने बताया कि एक लाख प्रीपेड मीटरों के ऑर्डर दे दिए गए हैं। जैसे-जैसे मीटर आते जाएंगे, इन्हें लगाया जाएगा। दरअसल सरकारी विभागों और नेताओं-अधिकारियों के आवासों पर बिजली बिल का करीब 13 हजार करोड़ रुपये बकाया हो गया है।

वसूली में होती है दिक्कत

विभागीय अधिकारी बताते हैैं कि सरकारी विभागों के दफ्तरों तथा नेताओं व अधिकारियों के सरकारी आवास से न तो बिजली बिल की वसूली हो पाती है और न ही कनेक्शन काट पाना संभव होता है। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि बकाया वसूली के लिए राज्य सरकार ने सरकारी विभागों तथा नेताओं-अफसरों को जहां किस्तों में भुगतान का विकल्प दिया है, वहीं वसूली की समस्या को पूरी तरह खत्म करने के लिए प्रीपेड मीटर लगाने की तैयारी कर ली गई है। मंत्री ने सभी प्रतिष्ठित लोगों से अपने कनेक्शन पर प्रीपेड मीटर लगाने की अपील की है।

खोले जाएंगे विशेष थाने

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि बिजली चोरी रोकने के लिए प्रदेश में 75 विशेष थाने खोले जाने हैैं, जिनमें से 68 थाने अब तक खुल चुके हैैं। इन थानों के लिए सरकार ने 2,050 पद सृजित किए हैैं। इन थानों में तैनात पुलिसकर्मियों के वेतन व अन्य खर्च पावर कारपोरेशन वहन करेगा। इन थानों में 75 निरीक्षक, 375 उपनिरीक्षक, 675 मुख्य आरक्षी, 150 मुख्य आरक्षी कंसोल ऑपरेटर और 675 सिपाहियों के पद मंजूर किए गए हैं। इन थानों का काम जिले के हर इलाके में बिजली चोरी रोकना है।

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