लखनऊ (पीटीआई) । उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 6 लोगों को विधान परिषद के सदस्य के रूप में नामित किया। विधान परिषद के अनुशंसित नामों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव रहे नृपेंद्र मिश्रा के पुत्र साकेत मिश्रा का नाम भी शामिल है। इसके अलावा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलाधिपति तारिक मंसूर को भी विधान परिषद सदस्य मनोनीत किया गया है। इस सूची में रामसूरत राजभर, वाराणसी बीजेपी अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, अंबेडकर महासभा के अध्यक्ष लालजी प्रसाद निर्मल और रजनीकांत माहेश्वरी के नाम शामिल हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के विशेष सचिव चंद्रशेखर की ओर से सोमवार देर रात जारी अधिसूचना के अनुसार राज्यपाल ने आठ रिक्त पदों पर कुल छह लोगों को एमएलसी के तौर पर मनोनीत किया है। यूपी विधान परिषद के अधिकारियों के मुताबिक, राज्यपाल ऊपरी सदन में अधिकतम 10 सदस्य मनोनीत कर सकते हैं।

साकेत मिश्रा पीएम मोदी के प्रधान सचिव के बेटे

भाजपा और मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि नृपेंद्र मिश्रा के बेटे साकेत मिश्रा ने 2019 में श्रावस्ती संसदीय क्षेत्र से बीजेपी का टिकट मांगा था लेकिन दद्दन मिश्रा को दिया गया, जो बसपा के राम शिरोमणि वर्मा से हार गए थे। भाजपा नेताओं के अनुसार, साकेत मिश्रा एक निवेश बैंकर, नीति योगदानकर्ता और पूर्वांचल विकास बोर्ड के सलाहकार हैं। वह भारतीय प्रबंधन संस्थान, कलकत्ता और सेंट स्टीफेंस कॉलेज के पूर्व छात्र हैं। वहीं नृपेंद्र मिश्रा वर्तमान में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष हैं। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय वीसी तारिक मंसूर ने जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल के रूप में कार्य किया। सूची में लालजी निर्मल (दलित) और रजनीकांत माहेश्वरी (जो व्यापारी समुदाय से आते हैं) का नाम भी शामिल है। 25 मार्च को माहेश्वरी की जगह दुर्विजय सिंह शाक्य को यूपी बीजेपी के ब्रज क्षेत्र का प्रमुख बनाया गया।

भाजपा के पास 74 सदस्यों की भारी संख्या

ओबीसी नेता हंसराज विश्वकर्मा, जो 2016 से भाजपा की वाराणसी इकाई के जिलाध्यक्ष हैं, और रामसूरत राजभर भी सूची में शामिल हैं। राजभर ने 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव आजमगढ़ जिले के फूलपुर पवई से लड़ा था, लेकिन समाजवादी पार्टी के रमाकांत यादव से हार गए थे। वर्तमान में, 100 सदस्यीय यूपी विधान परिषद में, भाजपा के पास 74 सदस्यों की भारी संख्या है, जबकि प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के नौ सदस्य हैं। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी (बसपा), अपना दल (सोनेलाल), निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद), जनसत्ता दल लोकतांत्रिक और शिक्षक दल (गैर-राजनीतिक) के एक-एक सदस्य हैं। वहीं स्वतंत्र समूह और निर्दलीय के दो-दो सदस्य हैं। आठ सीटें खाली थीं, जिनमें से दो सीटों को छोड़कर छह भर दी गई हैं।

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