मुंबई, (एएनआई) उर्मिला मातोंडकर ने ज्वाइन करने के  पांच महीने बाद ही कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया है। 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उर्मिला ने पार्टी जॉइन की थी, पर वे चुनाव हार गईं और इसका जिम्मेदार उन्होंने स्थानीय कांग्रेस नेताओं को बताया। उर्मिला ने मुंबई नार्थ लोकसभा सीट से बीजेपी नेता गोपाल शेट्टी के खिलाफ चुनाव लड़ा और हार गईं।



पार्टी से की थी शिकायत
7 सितंबर को ही अपना इस्तीफा इंडियन नेशनल कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज चुकी उर्मिला ने पत्र में लिखा कि वे  आईएनसी के  सदस्य के रूप में किसी भी पद से इस्तीफा दे रही हैं। उन्होंने पार्टी में शामिल होने का मौका देने के लिए आभार भी व्यक्त किया। उर्मिला का कहना है कि पहली बार इस्तीफे का विचार उनके मन में तब आया था जब लगातार कोशिशों के बावजूद तत्कालीन मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा को लिखे 16 मई के उनके खत के संबंध में पार्टी ने कोई ऐक्शन नहीं लिया गया। राजनीति में एंट्री के बाद उर्मिला ने कहा था कि उत्तर मुंबई में स्लम बस्तियां अधिक हैं, इसलिए वह उनके विकास के लिए काम करना चाहेंगी।

धोखे का अहसास
उर्मिला के अनुसार पार्टी का ये रवैया उन्हें धोखे का आभास करा रहा था। उनके  लगातार विरोध के बावजूद पार्टी में किसी ने चिंता भी नहीं दिखाई बल्कि उनके लेटर में जिन लोगों के नाम थे उनमें से कुछ को मुंबई नॉर्थ में नए पदों पर बिठा दिया गया। अपने नौ पेज के लेटर में उर्मिला ने स्थानीय नेताओं के बीच फूट, पार्टी में नेतृत्व की कमी, कमजोर प्लानिंग आदि कई बातों का जिक्र किया है।

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