लखनऊ (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश कोयले की कमी से बिजली संकट का सामना कर रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि इस त्योहारी सीजन में उनकी सरकार बाहरी स्रोतों से 22 रुपये प्रति यूनिट तक की कीमत पर बिजली खरीद रही हैं जबकि आम दिनों में इतनी ही बिजली 7 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से खरीदी जाती थी। यूपी विधानसभा चुनाव से पहले ओबीसी समुदाय तक पहुंचने के लिए भाजपा द्वारा शुरू किए गए एक कार्यक्रम में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने पहली बार संकट को स्वीकार किया। मुख्यमंत्री ने कहा, 'हम बिजली संकट की वजह से किसी भी जिले में उत्सव को खराब नहीं होने देंगे।

बिजली की आपूर्ति कुछ ही जिलों में ही की जाती थी
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार गरीबों और ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों को बिजली प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आगे कहा पिछली सरकारों में बिजली की आपूर्ति कुछ ही जिलों में की जाती थी जबकि अन्य जिलों को अंधेरे में छोड़ दिया जाता था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह बयान उन खबरों के बीच आया है कि लगातार बारिश के कारण कोयला खदानों में पानी के रिसने के बाद कोयला संकट के दौरान निजी कंपनियां पैसा कमा रही हैं।

सीएम ने पिछली सपा सरकार को आड़े हाथों लिया
योगी आदित्यनाथ ने बिजली अधिकारियों से कहा था कि वे संकट को कम करने के लिए केंद्र और कोल इंडिया लिमिटेड के साथ तेजी से समन्वय करें। यूपीपीसीएल पहले से ही 90,000 करोड़ रुपये के संचित नुकसान में चल रहा है। सीएम योगी ने त्योहारों के समय दंगों और हिंसा को बढ़ावा देने के लिए पिछली सपा सरकार को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि भाई-भतीजावाद समाज और पूरे देश के विकास की राह में 'सबसे बड़ी बाधा' है।

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