आगरा। शाहगंज बोदला रोड को तीन महीने पहले बनाया गया था। इस दौरान रोड को कभी सीवर लाइन बिछाने, कभी गंगाजल की पाइपलाइन बिछाने के लिए खोदा गया। वहीं सीवर लाइन डालते समय जगह-जगह चैम्बर बनाए गए। ऐसे स्थानों से रोड कई जगहों से धंस गई है।

दूसरी लेन को चौथी बार खोदा
मारुति एस्टेट चौराहे के पास दूसरी ओर रोड को चौथी बार खोदा गया है। बता दें कि सीवर लाइन की खोदाई करने के बाद फिर गंगाजल पाइपलाइन बिछ़ाने को 800-900 मीटर तक आधी सड़क की खोदाई कर दी। इसके बाद सड़क को बनाया नहीं गया। मिट्टी डालकर बंद कर दिया गया। 12 जुलाई को इंटरकनेक्शन को गड्ढा खोदा गया था। न तो इंटरकनेक्शन का काम पूरा हुआ है और न ही गड्ढा बंद किया जा सका है।

यमुना किनारे खोदी गई सड़क
हाथी घाट मनकामेश्वर जाने वाली रोड को स्मार्ट सिटी के कार्य के लिए खोद दिया गया। 26 जुलाई को यहां गुजरने पर एक बस फंस गई थी। इस कारण हादसा होने से बाल-बाल बचा था। गड्ढा होने से रोड पर पानी और कीचड़ होने से राहगीरों को निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

ये कर रहे खोदाई
- टोरंट पॉवर
- टेलीफोन कंपनी
- जल निगम
-एनएचएआई
- आगरा स्मार्ट सिटी
- बवाग कंपनी
- नगर निगम
- ग्रीन गैस कंपनी

रोड कटिंग की शर्तों का नहीं हो रहा पालन
- जो भी फर्म या कंपनी रोड कटिंग करेगी। काम पूरा होने के बाद मरम्मत की जिम्मेदारी उसी फर्म की होगी।
- पांच वर्ष तक रोड की कटिंग नहीं की जा सकती है।
- रोड कटिंग की निर्धारित समयावधि में मरम्मत न होने पर 10 फीसदी के हिसाब से प्रतिदिन जुर्माने का प्रावधान
- रोड कटिंग के समय टेलीफोन लाइन, ब्रांडबैंड लाइन, सीवर लाइन, गैस पाइपलाइन, पानी की पाइपलाइन, आदि की जिम्मेदारी उसी फर्म और संस्था की होगी।
- पाइपलाइन और टेलीफोन लाइन एक से डेढ़ मीटर से अधिक गहराई में नहीं बिछाई जा सकती है।
- रोड कटिंग से पहले जिम्मेदारों को सूचना देनी होगी।
- रोड कटिंग के समय बेरीकेटिंग करते हुए नोटिस बोर्ड लगाना होगा।


जहां इंटरकनेक्शन का काम किया जा रहा है। उसको पूरा कर रोड को दुरुस्त कर दिया जाएगा। एक ओर काम पूरा होने पर दूसरी ओर काम शुरू किया जाएगा।
रमेश चंद्रा, प्रोजेक्ट मैनेजर, वल्र्ड बैंक यूनिट जल निग


बारिश के महीने में जगह-जगह रोड खोदी जा रही है। कोई देखने वाला नहीं है। वैसे सितम्बर तक रोड कटिंग पर रोक लगा दी गई है। उसके बाद भी रोड खोदाई की जा रही है। इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।
दीपू


शाहगंज-बोदला रोड अभी तीन महीने पहले बनाई गई थी। ये रोड कई स्थानों पर धंस गई हैं। इससे साबित हो रहा है कि रोड निर्माण करते समय गुणवत्ता से समझौता किया गया। इसकी जिम्मेदारी कोई लेने को तैयार नहीं है।
कमल