आगरा (ब्यूरो). टॉयलेट इतने गंदे हैं कि इस्तेमाल करना तो दूर इनके पास से भी नहीं गुजरा जा सकता। वॉश बेसिन भी तो काफी दिनों से साफ ही नहीं हुए हैं। छत से सीलिंग कब गिर जाए, हमेशा इसका डर लगा रहता है। एसएन मेडिकल कॉलेज की न्यू सर्जरी बिल्डिंग में अपने भाई का इलाज करा रहे प्रशांत ने बताया कि रातभर चूहे इधर-उधर से कूदते रहते हैं। डर लगा रहता है कि कहीं मरीज को नुकसान न पहुंचा दें।

जर्जर होने लगी बिल्डिंग
एसएन मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम हाउस के पास न्यू सर्जरी विभाग की बिल्डिंग है। ये आठ मंजिला इमारत को उद्घाटन के दौरान बड़े-बड़े दावे किए गए थे। लेकिन कुछ वर्षों में ही ये बिल्डिंग जर्जर होने लगी है। सीलिंग गिरने लगी है। कई जगह से वार्ड में सीलिंग गिर भी चुकी है। इसके चलते यहां एडमिट मरीज भी डरे हुए रहते हैं कि कहीं वह चोटिल न हो जाएं।

टॉयलेट का नहीं कर सकते यूज

कागारौल से आए महेश ने बताया कि उनके चाचा के पैर में फ्रैक्चर हो गया है। पिछले दो दिन से वह यहां एडमिट हैं। लेकिन यहां सबसे बड़ी समस्या तो ये है कि टॉयलेट होते हुए भी इनका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। टॉयलेट की साफ-सफाई ही नहीं होती है। टॉयलेट पर लगे गेट भी सिर्फ दिखावे के लिए हैं। दरवाजों पर गत्ता लगा रखा है।

बिल्डिंग के सामने ही कचरे का ढेर

नई सर्जरी बिल्डिंग के सामने ही कचरे का ढेर लगा रहता है। इसमें मेडिकल वेस्ट भी शामिल होता है। इसके पास से ही रोज बड़ी संख्या में तीमारदारों और मरीजों का आवागमन होता है। ऐसे में संक्रमण होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं देता है।

तीन साल से बिल्डिंग का नहीं मेंटीनेंस

एसएन मेडिकल कॉलेज के एक पदाधिकारी ने बताया कि पिछले तीन वर्ष से बिल्डिंग का मेंटीनेंस नहीं किया गया है। इसके चलते व्यवस्थाएं ध्वस्त हो रही हैं। बिल्डिंग को जो भी नुकसान पहुंचता है, उसको रिपेयर नहीं कराया जा रहा है। सिर्फ अंदर से ही नहीं, बल्कि बाहर से भी बिल्डिंग्स से टाइल दरकने लगे हैं।

कोरोनाकाल में ये अनदेखी पड़ सकती है भारी

कोरोनाकाल में एक ओर तो शासन से लेकर प्रशासन तक स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सजगता का दावा करता है, वहीं स्वास्थ्य सेवाओं की ऐसी बहदाली मुश्किल खड़ी कर सकती है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब शहर में प्राइवेट स्वास्थ्य सेवाएं ध्वस्त हो गईं थी तो नई सर्जरी बिल्डिंग में मरीजों की संख्या बढ़ गई थी। ऑपरेशन से लेकर अन्य सर्जरी के लिए यहां आने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ था। ऐसे में यहां स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त होना जरूरी है, जिसके चलते स्वास्थ्य सेवाएं बाधित न हों।