आगरा(ब्यूरो)। कमिश्नर ने शुक्रवार को कमिश्नरी सभागार में राजस्व कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राजस्व न्यायालय और आईजीआरएस के लंबित वादों का निस्तारण 30 से 60 दिनों में किया जाए। कहा कि प्रत्येक तहसील में दस-दस बड़े बकाएदारों की सूची तैयार की जाए। इसे चस्पा भी किया जाए। राजस्व वसूली पर विशेष ध्यान दिया जाए। सभी एडीएम इसकी निगरानी करेंगे।

राजस्व वसूली पर हो फोकस

राजस्व न्यायालय वाद निस्तारण में फिरोजाबाद और मैनपुरी में सबसे अधिक लंबित वाद मिले। बड़ी संख्या में ऐसे वाद थे जिन्हें पांच साल से अधिक हो गया था। कमिश्नर ने 60 दिनों में एक अभियान चलाकर चकबंदी सहित अन्य वादों के निस्तारण के आदेश दिए। कमिश्नर ने कहा कि सरकारी और निजी भूमि बैंक तैयार की जाए। यह कार्य सभी तहसीलदारों द्वारा किया जाएगा। डीएम इसकी निगरानी करेंगे। इसका प्रेजेंटेशन तैयार किया जाए। इससे नए औद्योगिक क्षेत्र को विकसित करने के लिए बड़े इन्वेस्टर्स से संपर्क किया जा सकेगा। डीएम भानु चंद्र गोस्वामी, अपर आयुक्त प्रशासन राजेश कुमार सहित अन्य मौजूद रहे।
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यह भी दिए आदेश
- हर अमीन ने हर दिन राजस्व की कितनी वसूली की है। इसका डाटा तैयार होगा। तहसीलदार इसकी निगरानी करेंगे।
- सभी एसडीएम और तहसीलदार अपने-अपने क्षेत्रों में घूमें। सप्ताह में पांच दिन कोर्ट में जरूर बैठें।
- शिकायतों की जांच में ठीक से रिपोर्ट लगाई जाए। इसकी क्रॉस चेङ्क्षकग की जाए।
- पंचायत भवनों में लेखपाल की उपस्थिति का दिन और समय अंकित होगा।
- सभी एसडीएम और तहसीलदार तहसील मुख्यालयों पर ही रहेंगे। इसका औचक निरीक्षण भी कराया जाएगा।