- एसएन के पोस्टमार्टम हाउस में खराब पड़े हुए हैं एसी ताबूत

- कर्मचारियों का कहना बर्फ की सिल्ली से चलाना पड़ता है काम

आगरा। मौत के बाद शव के प्रति हर किसी को सहानुभुति होती है। लेकिन इसे सरकारी लापरवाही कहें या अमानवीयता, यहां मौत के बाद भी अव्यवस्था पीछा नहीं छोड़ती। मुर्दो पर भी सरकारी लापरवाही भारी पड़ रही है। एसएन मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम में शवों को सड़ने से बचाने के लिए लगाए गए एसी ताबूत पिछले काफी समय से खराब पड़े हैं, लेकिन इन्हें ठीक कराए जाने की जहमत नहीं उठाई गई। यूं तो आगरा को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायदें शुरू की गई हैं, लेकिन इसकी कड़वी सच्चाई देखिए कि यहां अब भी बर्फ की सिल्लियों पर लाशों को रखा जाता है।

सभी सरकारी ताबूत खराब

पोस्टमार्टम में चार सरकारी एसी ताबूत लगाए थे, लेकिन हालात यह है कि चारों ताबूत खराब पड़े हैं। इन्हें खराब पड़े करीब एक साल हो गया है, लेकिन कोई सुधार नहीं आया। इन्हें ठीक कराने के लिए अस्पताल प्रशासन से संपर्क किया जाता है तो उनकी तरफ से ताबूत की देख-रेख सीएमओ के अंतर्गत आने की बात कहकर हाथ खड़े कर दिए जाते हैं। पोस्टमार्टम हाउस में कार्यरत कर्मचारियों का कहना है कि समय-समय पर यहां मशीनों को देखने के लिए इंजीनियर्स भी आते हैं। वे मशीनें चैक करते हैं और उसमें होने वाले खर्चे का एस्टीमेट बताकर चले जाते हैं।

दान में आए दो ताबूत चालू, लेकिन जगह नहीं

पोस्टमार्टम गृह में दो ताबूत और हैं जो दान में दिए गए हैं। बजाजा कमेटी की ओर से यहां एसएन मेडिकल कॉलेज को दो एसी ताबूत दान में दिए गए, लेकिन वे भी यूज में नहीं आ रहे हैं। ये मशीनें रजिस्ट्रेशन रूम में पड़ी धूल खा रही हैं। इन्हें यूज न करने के पीछे दलील दी जाती है कि इन्हें रखने की जगह नहीं है, इसीलिए यूज नहीं हो पा रही। कभी-कभी यूज हो पाती हैं। कर्मचारियों ने बताया कि एसी ताबूत खराब होने के बाद शव को सड़ने से बचाने के लिए उन्हें बर्फ की सिल्ली पर रखा जाता है।