क्रिमिनल्स की नजर में अब प्ले स्टोर भी
आपको लगता है कि प्ले स्टोर में मौजूद ऐप्स तो सुरक्षित हैं। इससे आप किसी भी ऐप को बिना किसी जानकारी के डाउनलोड कर लेते थे। लेकिन इससे अलर्ट रहने की जरुरत है। साइबर क्रिमिनलों की नजर से अब प्ले स्टोर भी अछूता नहीं है। साइबर क्रिमिनल कुछ ऐसे नकली ऐप बना रहे हैं, जिन्हें इंस्टॉल करने के बाद आपकी पर्सनल जानकारी लीक हो सकती है या फिर आपका बैंक अकाउंट खाली हो सकता है।

देखने में लगता है यूनियन बैंक का ऐप
इसको लेकर भारत सरकार के सिक्योरिटी पोर्टल और साइबर सेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (ट्विटर) पर एक पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने एक इमेज शेयर करते हुए बताया है कि गूगल प्ले स्टोर पर ,यूनियन रिवार्ड एपीके, नाम से एक ऐप मौजूद है। ये ऐप देखने में यूनियन बैंक के असली ऐप जैसा लगता है, लेकिन यह एक फेक एंड्रॉयड ऐप है। इससे पहले भी फेक लोन ऐप्स और फेक स्टॉक ट्रेडिंग ऐप से अलर्ट रहने की चेतावनी दी जा चुकी है।

फेक ऐप्स को इस तरह पहचानें
नकली मोबाइल ऐप्स ऐसे एप्लिकेशन होते हैं, जो वैलिड ऐप्स के लुक और अंदर के इंटरफेस से काफी मिलते-जुलते होते हैं। जिससे आसानी से यूजर्स को इंस्टॉल करने के लिए धोखा दिया जा सके.ये नकली ऐप्स यूजर, पासवर्ड, सेंसिटिव डेटा और पर्सनल इन्फॉर्मेशन को नुकसान पहुंचाने के मकसद से डिजाइन किए जाते हैं। इन्हें इतने सलीके से बनाया जाता है कि ज्यादातर यूजर्स के लिए असली और नकली ऐप्स के बीच अंतर कर पाना मुश्किल होता है।

ऐप करते हैं कैमरे को कंट्रोल
ये वैलिड ऐप स्टोर जैसे एप्पल के ऐप स्टोर या गूगल के प्ले स्टोर पर भी हो सकते हैं। कुछ नकली ऐप्स आपके कैमरे को कंट्रोल करने की परमिशन मांगते हैं, जिससे फोन गैलरी की सारी जानकारी मिल सके।

एप डाउनलोड करने से पहले कर लें जानकारी
आमतौर पर जब हमें कोई भी ऐप डाउनलोड करना होता है। तो हम गूगल के प्ले स्टोर या एपल के ऐप स्टोर पर जाकर उसे डाउनलोड करते हैं। इन ऐप स्टोर्स पर कई ऐसे फर्जी ऐप भी मौजूद हैं, जो यूजर्स की निजी जानकारी चोरी करने से लेकर बैंक अकाउंट को खाली कर सकते हैं। साइबर क्रिमिनल नकली ऐप्स की डिजाइनिंग बेहद सफाई से करते हैं, जिससे आम लोगों के लिए अंतर कर पाना मुश्किल होता है।

फर्जी ऐप्स से इस तरह बचें
अगर आपने पहले ही कोई संदिग्ध ऐप इंस्टॉल कर लिया है, जिसकी वजह से आपकी डिवाइस स्लो हो गई है या अनचाहे विज्ञापन आ रहे हैं तो ऐसे ऐप्स को तुरंत अनइंस्टॉल कर दें। इसके अलावा अगर आपको स्मार्टफोन के किसी ऐप के संदिग्ध होने की आशंका है तो इन स्टेप्स को फॉलो करें। जैसे अपने फोन या टेबलेट को रीस्टार्ट करें, एक अच्छा एंटीवायरस इंस्टॉल करें और अपने डिवाइस को स्कैन करें।



स्मार्ट फोन के जरिए साइबर क्रिमिनल्स लोगों के खाते से रुपए निकालने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। ऐसे में प्ले स्टोर भी सुरक्षित नहीं है। कोई ऐप इंस्टॉल करने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी कर लें, फेक ऐप इंस्टॉल करने से फोन का एक्सेस क्रिमिनल्स के पास होता है, इससे आपका अकाउंट भी खाली हो सकता है।
पुष्पेन्द्र चौधरी, जिला साइबर सेल प्रभारी

पीडि़त

प्ले स्टोर से बैंक का कस्टमर केयर नंबर लिया था, जिस नंबर पर कॉल किया गया था, उस नंबर से कहा गया कि आधार की फोटो सेंट करें, इसको फॉलो करने के बाद ही मोबाइल फोन पर तीस हजार रुपए दो बार में निकलने का मैसेज आया था। इसकी शिकायत थाना सदर बाजार में की गई थी।
रविन्द्र कुशवाह, मधुनगर


साइबर सेल में शिकायत की गई थी, बैंक जैसा नजर आने वाले ऐप को डाउनलोड किया था, इसके बाद मोबाइल पर रुपए निकलने का मैसेज आया, फिर एक के बाद एक कर चार ट्रांजेक्शन से पूरा अकाउंट खाली हो गया। इस संबंध में जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल किया गया था।
आकाश बघेल, सेवला सराय

सरकार की ऐप सख्ती
-इस महीने प्ले स्टोर से हटाए गए ऐप
10
-ऐप के जरिए हर वर्ष होने वाली ठगी
20 करोड़
-वर्ष 2023 में साइबर ठगी की वारदात
1600