स्वास्थ्य लाभ दिलाने के नाम पर वसूली
केके नगर स्थित कॉलोनी में पीतम सिंह का मकान है। जहां रविवार को स्वास्थ्य कैंप लगाया गया था, जब आसपास के लोगों को इस बात की जानकारी हुई कि स्वास्थ्य लाभ के लिए आयुष्मान भारत का कार्ड बनाया जा रहा है। कैंप में एक महिला और चार युवक मिले, जो सौ रुपए हर एक व्यक्ति से वसूल कर रहे थे, उन्होंने लैपटॉप पर आयुष्मान भारत की आईडी खोली थी, जिस पर लोगों के नाम और एड्रेस नोट किए जा रहे थे, साथ ही एक सप्ताह में कार्ड तैयार कर वेबसाइट पर अपलोड करने का दावा किया जा रहा था। सूचना पर थाना पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सीएमओ नंदन कुमार ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की। मौके पर देखा गया कि वे लोग कैंप में आने वाले लोगों से बायोमेट्रिक करा रहे थे।

वेबसाइट खोलकर फर्जी रजिस्ट्रेशन
सीएमओ डॉ। अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि उन्हें सूचना प्राप्त हुई कि केके नगर में फर्जी तरह से कैंप लगाकर आयुष्मान कार्ड रजिस्टर किए जा रहे थे। विभाग की टीम जब मौके पर पहुंची तो वहां एक महिला व कुछ पुरुष लोगों की बायोमेट्रिक कर आईडी की फोटो कापी ले रहे थे। आयुष्मान की वेबसाइट खोलकर उस पर फर्जी तरह से रजिस्ट्रेशन किया जा रहा था। टीम ने उनसे स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई आईडी मांगी गई, जो उनके पास नहीं थी।

स्वास्थ्य विभाग की लॉगिन से बनते हैं कार्ड
आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए कभी कैंप निजी स्तर पर नहीं लगाए जाते हैं। सरकारी स्तर पर ही आयुष्मान कार्ड बनवाए जाते हैं। पिछले दिनों राशन डीलरों के यहां भी कार्ड बनवाने की सुविधा शुरू की गई है। ये पंचायत स्तर पर भी बन रहे हैं। कॉमन सर्विस सेंटर, लोक सेवा केंद्र, यूटीआई-आईटीएसएल केंद्र पर जाकर भी कार्ड बनते हैं। चिह्नित ग्राम रोजगार सहायक व वार्ड इंचार्ज के सहयोग से भी आयुष्मान कार्ड बनाए जा सकते हैं। कार्ड नि:शुल्क बनते हैं, इनके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।


आयुष्मान कार्ड को लेकर पहले भी कई शिकायतें आती रहती हैं। लेकिन इस तरह की शिकायत पहली बार मिली है, फीस लेने के अलावा आरोपी आयुष्मान कार्ड की आधिकारिक वेबसाइट खोलकर रजिस्ट्रेशन कर रहे थे। बायोमेट्रिक ले रहे थे।
अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ

वर्जन
स्वास्थ्य विभाग के साथ संयुक्त रूप से कार्रवाई की है, एक महिला समेत चार युवकों से पूछताछ की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
नीरज शर्मा, थाना प्रभारी