आज भी हर तीसरे दिन किल्लत
दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से शहर में पानी की किल्लत को लेकर 'पानी बड़ी चीज हैÓ कैंपेन चलाया गया। जिसमें शहर के ऐसे एरियाज पर फोकस किया गया, जहां पाइपलाइन नहीं है या पाइपलाइन है तो उसके बाद भी जलसंकट जूझ रहे हैं। कैंपेन के समापन पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न एरियाज के 20 से अधिक लोगों ने पार्टिसिपेट किया। शाहगंज निवासी नरेश ने कहा कि पहले शहर की वॉटर सप्लाई सिर्फ यमुना जल पर निर्भर थी। अब गंगाजल भी मिल रहा है। वॉटर सप्लाई में कुछ सुधार हुआ है। लेकिन हर दूसरे-तीसरे दिन किल्लत खड़ी हो जाती है। रामबाग के कैलाश ने कहा कि हालत में कुछ भी सुधार नहीं हुआ है। पहले भी पानी की किल्ल्त रहती थी, आज भी किल्लत बरकरार है। गंगाजल आने के बाद भी शहर की सप्लाई में कुछ भी सुधार नहीं हुआ है। ट्रांसयमुना में रहने वाले गौतम ने बताया कि क्षेत्र में रहने वाले लोगों की दिन की आधी कमाई आज भी पानी खरीदने में जाती है। लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है।


आज भी शहर के कई एरियाज में पानी की किल्लत है। लोगों को दूरदराज से पानी लेकर आने के लिए मजबूर होना पड़ता है। ये स्थिति गंगाजल आने के बाद भी है।
दीपक शर्मा
हमारी आधी कॉलोनी में ही पानी की पाइपलाइन है। इसके चलते ग्राउंड वॉटर पर ही निर्भर रहना पड़ता है। इसको लेकर कई बार जलकल अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ।
मनीष अग्रवाल

हमारे यहां तो पानी का कनेक्शन ही नहीं है। लाइन के लिए कई बार जलकल अधिकारियों को गुहार लगाई, बावजूद इसके समस्या जस की तस रही।

राजेश तिवारी

शहर को सिर्फ गंगाजल मिलने से काम नहीं चलेगा। बल्कि उसके लिए प्रॉपर इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार करना पड़ेगा। तब भी जलसंकट दूर हो सकेगा।
नीतू शर्मा

गंगाजल मिलने के बाद शहर में पानी प्रॉपर मिलने लगा है। लेकिन पहले जिन क्षेत्रों में लाइन नहीं थी, आज भी वहां पर लाइन नहीं है। ऐसे में इन एरियाज में जलसंकट बरकरार है।
भीमसेन

350 एमएलडी शहर में वाटर की होती है सप्लाई
340 एमएलडी शहर में वाटर सप्लाई की डिमांड


जीवनी मंडी वाटरवक्र्स 225 एमएलडी

सिकंदरा वाटरवक्र्स
144 एमएलडी गंगाजल प्लांट
144 एमएलडी एमबीबीआर प्लांट

100 वार्ड हैं नगर निगम में
5 हजार से अधिक मोहल्ले शहर में
1.80 लाख शहर में जलकल के कनेक्शन
3.50 लाख मकान शहर में