आगरा पहुंचते ही दिखने लगते हैैं लपके
टूरिस्ट्स को ठगने, उनसे कमाई करने का सिलसिला आगरा कैंट रेलवे स्टेशन या फिर बस स्टेशन से ही शुरू हो जाता है। इधर टूरिस्ट दिखा, उधर लपके एक्टिव। आवाजें आना शुरू हो जाता है। सर, ताजमहल, मैम अच्छा होटल दिलवा दूंगा। आगरा किला जाना है? मैैं आपको पास में ही है छोड़ दूंगा। जब तक टूरिस्ट वहां से चला नहीं जाए तब तक उसका पीछा किया जाता है। इससे कई बार टूरिस्ट इरिटेट भी हो जाते हैैं।

ताज के आसपास तो लपकों की भरमार
ताजमहल पर सबसे ज्यादा टूरिस्ट आते हैैं। औसतन ताजमहल पर रोजाना 25 हजार टूरिस्ट पहुंचते हैैं। ऐसे में यहां पर सबसे ज्यादा लपके भी मौजूद रहते हैैं। ताजमहल और अन्य स्मारकों के आसपास अवैध टूरिस्ट गाइड, ऑटो चालक और टैक्सी चालक, पानी बेचने वाला, टिकट बेचने वाला सहित टूरिस्ट की हर समस्या का दावा करने वाले लपके हमेशा देखने को मिल जाते हैैं। कई बार तो यह टूरिस्ट्स को बुरी तरह से ठग भी लेते हैैं।

हमेशा के लिए समाधान की जरूरत
बीते दिनों आगरा पुलिस ने विशेष अभियान चलाया था और 500 से अधिक लपकों पर कार्रवाई की थी। सादा वर्दी में भी पुलिस द्वारा कार्रवाई की गई थी लेकिन अब फिर से लपके एक्टिव हो गए हैैं। ऐसे में लपकों के खिलाफ जिम्मेदारों को विशेष अभियान चलाकर हमेशा के लिए समाधान करने की जरूरत है।

इंसिस्ट करते हैैं लपके
ताजमहल देखने आए टूरिस्ट रवि ने बताया कि वह बंगलुरू से ताजमहल देखने के लिए आए हैैं। ताजमहल के पास आते ही पांच लोगों ने उनसे बार-बार पूछा कि हम आपको ताज का टिकट दिला देंगे। आपको भीड़ में टिकट नहीं मिलेगा। इसके बाद में कई लोगों ने जबरदस्ती शू-कवर बेचने की कोशिश की। इसके साथ ही कुछ लोग होटल दिलाने की जिद करने लगे। मेरे मना करने के बावजूद वह बार-बार मुझसे होटल दिलाने के लिए इंसिस्ट करने लगे। बड़ी मुश्किल से मैं वहां से बचकर आया।

पड़ता है बैड इंपेक्ट
दिल्ली से आने वाले टूरिस्ट नीतिश ने बताया कि ताजमहल को देश-विदेश से टूरिस्ट देखने के लिए आते हैैं और उनसे होने वाले व्यवहार की एक छवि लेकर जाते हैं, जिसे वे अपने आसपास लोगों के साथ शेयर करते हैं। ऐसे में शहर की छवि पर ठीक प्रभाव नहीं पड़ रहा है। इसलिए लोगों को समझना चाहिए कि इससे आगरा टूरिज्म ही डीफेम होता है। कई लोगों को मैैंने देखा कि टूरिस्ट पर जबरन वस्तु खरीदने को दबाव बना रहे हैैं। इससे देश-विदेश में आगरा की छवि खराब हो रही है।

ऐसे होता है कमीशन का खेल
ताजमहल का दीदार करने आने वाला हर टूरिस्ट यहां की कुछ न कुछ यादें भी अपने साथ लेकर जाना चाहता है। क्योंकि, आगरा के फेमस मार्बल हैंडीक्राफ्ट को काफी पसंद किया जाता है। आगरा का पेठा और दालमोठ भी खूब मशहूर है। होटल दिलाने और खरीददारी दिलाने में लपकों को मोटा कमीशन मिलता है।
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दशहरा घाट के रास्ते में जलभराव
ताजमहल के पीछे ऐतिहासिक दशहरा घाट भी है। ताजमहल पर आने वाले कई टूरिस्ट्स दशहरा घाट भी जाते हैैं। लेकिन दशहरा घाट जाने वाले रास्ते में जलभराव की स्थिति है। इससे टूरिस्ट्स को परेशानी हो रही है।

गोल्फकार्ट को करना पड़ता है वेट
ताजमहल पर आने वाले टूरिस्ट्स को 500 मीटर के दायरे के बाद पैदल या फिर गोल्फ कार्ट से जाना पड़ता है। लेकिन ताजमहल की वेस्ट गेट की पार्किंग और ईस्ट गेट की पार्किंग के पास गोल्फ कार्ट के लिए टूरिस्ट्स को घंटों इंतजार करना पड़ता है। यह समस्या बीते साल भी थी और इस साल भी बरकरार है।
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वर्जन
बंगलुरू से ताजमहल देखने के लिए आया हूं। ताजमहल के पास आते ही पांच लोगों ने उनसे बार-बार पूछा कि हम आपको ताज का टिकट दिला देंगे। मैैंने मना किया, लेकिन वो लोग बार-बार टिकट लेने के लिए इंसिस्ट करने लगे।
- रवि, टूरिस्ट

ताज के आसपास आते ही मुझसे कई लोगों ने कहा कि आप कहां ठहरे हैैं। बार-बार होटल दिलाने का प्रलोभन देने लगे। मैैंने मना किया लेकिन वो लोग पीछे ही पड़ गए।
- संदीप, टूरिस्ट

मैैं बनारस से आगरा घूमने आया हूं। ताजमहल के आसपास काफी लोग टूरिस्ट से जबरदस्ती कुछ न कुछ बेचने का प्रयास करते हैैं। इससे इरिटेशन होता है। एक बार मना करने पर मान जाना चाहिए।
- विनय, टूरिस्ट
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25 हजार टूरिस्ट रोज आते हैैं आगरा
05 लाख लोगों को मिलता है आगरा टूरिज्म से रोजगार