इस तरह बढ़ी जनसंख्या
2001 की जनगणना के अनुसार जिले की आबादी 36.20 लाख थी। 10 साल बाद 2011 में जनगणना हुई। आबादी 7.99 लाख बढ़कर 44.19 लाख पहुंच गई। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सर्वे के अनुसार, 2021 में जिले की आबादी 51.64 लाख अनुमानित है। इस तरह पिछले 10 साल में 7.45 लाख जनसंख्या बढ़ी है। 2024 में 53 लाख से अधिक आबादी अनुमानित है। इस तरह 2001 से 2024 के बीच 23 वर्ष में 17 लाख आबादी बढ़ी है। पिछले तीन वर्ष में 1.50 लाख जनसंख्या बढ़ी है।


युवा पीढ़ी अधिक अवेयर
महंगाई, बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए युवा पीढ़ी दो और एक बच्चे तक सीमित हैं। वहीं, 30 वर्ष के बाद शादी हो रही हैं, इससे गर्भधारण में समस्या आने लगी है इसके चलते भी जनसंख्या वृद्धि में कमी आई है। मगर, स्वास्थ्य सेवाएं, विद्यालय, सरकारी आवासीय कॉलोनी की संख्या आबादी के हिसाब से नहीं बढ़ी है। सीएमओ डॉ। अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन 2021 के अनुसार, 67.7 प्रतिशत दंपती ही परिवार नियोजन के विकल्प का इस्तेमाल कर रहे हैं, करीब 22 प्रतिशत दंपती ने कोई विकल्प इस्तेमाल नहीं किया। इसमें सबसे कम पुरुष नसबंदी और सबसे ज्यादा कंडोम का इस्तेमाल है।

सेक्स रेशो बढ़ा
2011 में जिले में एक हजार बेटों पर 861 बेटियां थी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सर्वे के अनुसार, 2015 16 में एक हजार बेटों पर 941 बेटियां और 2021 में यह बढ़कर एक हजार बेटों पर 952 बेटों पर पहुंच गया।

जनसंख्या
2024 53 लाख से अधिक अनुमानित
2021 51.64 लाख अनुमानित
2011 44.19 लाख पुरुष 2,364,953, महिला 2,053,844
2001 36.20 लाख पुरुष 1,961,282, महिला 1,659,154

परिवार नियोजन के विकल्पों का 2024-25 में किया गया इस्तेमाल
पुरुष नसबंदी 02
महिला नसबंदी 930
कंडोम 135395
छाया 4322


राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन 2021 के अनुसार, 67.7 प्रतिशत दंपती ही परिवार नियोजन के विकल्प का इस्तेमाल कर रहे हैं, करीब 22 प्रतिशत दंपति ने कोई विकल्प इस्तेमाल नहीं किया। इसमें सबसे कम पुरुष नसबंदी और सबसे ज्यादा कंडोम का इस्तेमाल है।
डॉ। अरुण श्रीवास्तव,सीएमओ