स्मारक की दीवार पर कर रहे टॉयलेट
'टॉयलेट एक सत्यकथाÓ कैंपेन के तहत दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम ने रविवार को ऐसे स्पॉट की तफ्तीश की, जहां लोग खुले में टॉयलेट करते हैं। टीम सिकंदरा चौराहे पर पहुंची तो एक ओर सवारी वाहनों के इंतजार में खड़ी भीड़ थी वहीं, दूसरी ओर सामने सिकंदरा स्मारक परिसर की दीवार पर तीन युवक टॉयलेट कर रहे थे। टीम ने एक युवक से पूछा कि स्मारक को क्यों गंदा कर रहे हो? युवक ने बताया कि वह मथुरा जाने के लिए बस का इंतजार कर रहा था। तभी टॉयलेट लगा। आसपास पब्लिक टॉयलेट तलाशा लेकिन नहीं मिला। ऐसे में स्मारक की दीवार पर लोग टॉयलेट करते दिखे, तो वह भी आ गया। स्मारक की दीवार पर रोज इसी तरह लोग टॉयलेट करते हैं। जिस विरासत को सहेजने की जरूरत है, उसे यूरिनल प्वॉइंट के रूप में डेवलप कर दिया गया है।

खुले में करते हैं टॉयलेट
सिर्फ सिकंदरा चौराहे ही नहीं शहर में जगह-जगह खुले में यूरिनल प्वॉइंट डेवलप कर दिए गए हैं। एमजी रोड किनारे हो या फिर भीड़भाड़ वाले बाजारों में, हर ओर खुले में टॉयलेट करते हुए लोग दिख जाएंगे। एमजी रोड पर रावली मंदिर के पास यूरिनल प्वॉइंट बना दिया गया है। जबकि यहां नगर निगम की ओर से लिखवा भी दिया गया है कि टॉयलेट चंद मीटर दूरी पर है। बावजूद इसके लोग यहां टॉयलेट करते हैं।

यहां खुले में टॉयलेट करते मिले लोग
- सिकंदरा स्मारक की दीवार
- राजा की मंडी, एमजी रोड पर
- तहसील परिसर में
- कलेक्ट्रेट की दीवार पर
- संजय प्लेस में कई जगह
- भगवान टॉकीज
- खंदारी चौराहे पर
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क्यों खुले में टॉयलेट करने को मजबूर होते हैं लोग?
नगर निगम की ओर से जहां भी यूरिनल प्वॉइंट बनाए गए हैं, वह इतने गंदे रहते हैं इनका यूज नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही जहां यूरिनल प्वॉइंट बनाए भी हुए हैं, वह लोगों की अप्रोच से बाहर हैं। ऐसे में लोग आसपास आड़ लेकर खुले में टॉयलेट करते हैं।
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बाजार में नहीं है टॉयलेट
शहर के प्रमुख बाजार हॉस्पिटल रोड, सिंधी बाजार, फव्वारा, जौहरी बाजार, शाहगंज, बोदला, कारगिल, नगला पदी, दयालबाग आदि स्थानों पर टॉयलेट नहीं है। इसके चलते लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सबसे अधिक परेशानी महिलाओं को होती है।



शहर में किसी भी सड़क पर निकल जाइए, शायद ही ऐसा कोई मार्ग मिले जहां लोग खुले में टॉयलेट करते हुए न दिखें। इससे न सिर्फ गंदगी फैलती है, वहीं शहर की छवि धूमिल होती है।
गौरव कुशवाह

शहर के बाजारों में टॉयलेट नहीं है। ऐसे में अगर किसी को टॉयलेट लग रहा है तो वह क्या करेगा। आसपास जगह देखकर टॉयलेट करता है। इससे निपटने के लिए जरूरी है कि पब्लिक टॉयलेट बनें।
अतुल

शहर में पब्लिक टॉयलेट की स्थिति बदहाल है। पे एंड यूज टॉयलेट में ही कुछ साफ-सफाई मिलती है। नहीं तो यूरिनल प्वाइंट तो इस कदर गंदे होते हैं कि इनका यूज नहीं किया जा सकता।
भुवनेश शर्मा

शहर में बने यूरिनल प्वॉइंट का इस्तेमाल करने से तो व्यक्ति गंभीर संक्रमण का शिकार हो जाएगा। इतनी गंदगी और बदबू रहती है कि पास से भी नहीं गुजरा जा सकता।
अंशुल