पुलिस ने नहीं पकड़े थे आरोपी
युवती के पिता का कहना है कि 24 फरवरी को उनकी बेटी से छेड़छाड़ हुई थी। पुलिस ने मेडिकल कराने के बाद बयान दर्ज करा दिए। मगर, आरोपी को नहीं पकड़ा। उसे अपने पक्ष में साक्ष्य जुटाने का पूरा मौका व दिया। स्कूल से जारी ट्रांसफर सर्टिफिकेट के आधार पर पुलिस ने आरोपी को नाबालिग मान लिया। इसके बाद उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। कार्रवाई न होने से आरोपी पक्ष का हिम्मत बढ़ती चली गई। वे उन पर समझौते को दबाव बना रहे थे। तीन दिन पहले वे इसकी शिकायत करने खेरागढ़ में एसीपी ऑफिस गए। इसके बावजूद भी थाना पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस नाबालिग और 7 साल से कम सजा वाली धारा बताकर कार्रवाई करने से बचती रही।

पांच के खिलाफ मुकदमा
वही रविवार देर शाम को युवती का पोस्टमार्टम होकर गांव पहुँचा। वही क्षेत्रीय विधायक भगवान सिंह कुशवाहा भी युवती के दाह संस्कार में शामिल हुए। वही रविवार देर शाम पिता की तहरीर पर पांच लोगों के खिलाफ धारा 306 में मुकदमा लिखा गया।

पुलिस ने बालअपचारी व अन्य चार साथियों को गिरप्तार कर पुलिस रिमाइंड के बाद न्यायिक रिमाइंड ली है। वही पुलिस की लापरवाही पर परिजन लगातार सवाल उठा रहे थे जिसको लेकर डीसीपी सोनम कुमार ने जांच करने के आदेश दे दिए। सोमवार को जांच के बाद पुलिस कमिश्नर जे रविन्द्र गॉड के आदेश वे बाद डीसीपी सोनम कुमार ने आत्महत्या मामले में विवेचक उपनिरीक्षक वीरेंद्र कुमार पर कार्यवाही करते हुए लाइन हाजिर कर दिया।


एसीपी इमरान अहमद ने बताया मृतिका के पिता की तहरीर पर बालअपचारी व अन्य चार साथियों के खिलाफ 306 में मुकदमा लिख कर पांचों आरोपियों को पुलिस रिमांड व न्यायिक रिमांड के बाद जेल भेज दिया गया है। और विवेचक को लापरवाही के चलते लाइन हाजिर कर दिया गया है।