स्टेशन के बाहर मिलीं साइकिल
शाहगंज के रहने वाली एक छात्रा के पिता ने बताया कि बेटी नौवीं कक्षा में पढ़ती है। मलपुरा क्षेत्र की रहने वाली दूसरी छात्रा भी उसी स्कूल में पढ़ती है। बेटी सहेली के साथ 27 दिसंबर की शाम पौने चार बजे कंप्यूटर क्लासेज जाने को कहकर निकली थी। देर शाम तक नहीं लौटीं तो खोजबीन शुरू कर दी। दूसरे दिन दोनों की साइकिलें कैंट रेलवे स्टेशन के बाहर खड़ी मिली।

पैसेंजर के मोबाइल से कॉल
पुलिस ने कैंट स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किए। दोनों छात्रा दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन जाने वाली ट्रेन में बैठते दिखीं। पुलिस और परिजन ने निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन जाकर वहां लगे सीसीटीवी फुटेज देखे। छात्राएं रात 1:55 बजे निजामुद्दीन पहुंची थीं। वहां उन्होंने प्लेटफॉर्म पर एक पैसेंजर से मोबाइल फोन मांग किसी से बात की। इसके बाद 28 दिसंबर की सुबह सवा चार बजे अमृतसर जाने वाली ट्रेन में सवार हो गईं।

जीआरपी को भेजे गए फोटो
पुलिस की जांच इससे आगे तक नहीं पहुंच सकी है। इधर, परिजन परेशान हैं। उन्हें अनहोनी की डर सता रहा है। प्रभारी निरीक्षक शाहगंज आलोक कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि दोनों छात्राएं मर्जी से गई हैं। उनकी बरामदगी के लिए एक टीम लगाई है। छात्राओं के फोटो जीआरपी को भेजे हैं।
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सोशल मीडिया पर कई अकाउंट
मलपुरा की रहने वाली छात्रा ने इंस्टाग्राम पर अपने कई अकाउंट बना रखे हैं। इसमें अपने और मां के नाम समेत तीन-चार अकाउंट हैं। परिजन ने पुलिस को इन अकाउंट के बारे में जानकारी दी है। दोनों छात्राएं परिवार का मोबाइल प्रयोग करती हैं। पुलिस को आशंका है कि छात्राएं सोशल मीडिया पर किसी के संपर्क में थीं। इसीलिए उन्होंने दिल्ली में स्टेशन पर उतरने के बाद पैसेंजर्स के मोबाइल से किसी को फोन किया। इसके बाद दोनों अमृतसर जाने वाली ट्रेन में सवार हुईं। किसी ने उन्हें निर्धारित स्थान पर बुलाया होगा। पुलिस छात्राओं के सोशल मीडिया अकाउंट को खंगाल रही है।


दोनों छात्राओं की बरामदगी के लिए एक टीम लगाई है। छात्राओं के फोटो जीआरपी को भेजे हैं।
आलोक कुमार ङ्क्षसह, प्रभारी निरीक्षक शाहगंज


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-वर्चुअल दुनिया में अपने बच्चे पर इस तरह रखें नजर

खुल कर बात करें
पेरेंट्स बच्चों से सोशल मीडिया के बारे में खुलकर बात करें। गुड टच और बैड टच की तरह उन्हें इस प्लेटफॉर्म का सही गलत समझाएं।
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मोबाइल पर क्या करें और क्या नहीं
बच्चों को मोबाइल दे रहे हैं तो नजर भी रखें। उन्हें सोशल मीडिया पर किस तरह के फोटो और वीडियो शेयर करने हैं, उसके बारे में जानकारी दें। समझाएं कि गलत पोस्ट या कंटेंट शेयर करने से बड़ा नुकसान हो सकता है।
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बच्चे का सोशल मीडिया अकाउंट समय-समय पर चेक करें
अगर बच्चे का सोशल मीडिया अकाउंट है तो उसे रेगुलरली मॉनिटर करें। बच्चा सोशल मीडिया अकाउंट पर क्या कर रहा है तो इस संबंध में पेरेंट्स को जानकारी होनी चाहिए।
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पासवर्ड सेट करने में हेल्प करें
बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट का पासवर्ड सेट करने में हेल्प करें। इससे आपको उनके सोशल मीडिया अकाउंट के पासवर्ड की जानकारी रहेगी। साथ ही स्ट्रॉन्ग पासवर्ड बनाने से उसके हैक होने की भी संभावना नहीं रहती।
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फ्रेंड रिक्वेस्ट असेप्ट करने में बरतें सतर्कता
कभी भी अंजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट असेप्ट करने को लेकर बच्चों को अवेयर करें। उन्हें बताएं कि सोशल मीडिया पर अंजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट असेप्ट न करें।
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प्रोफाइल को प्राइवेट रखें
बच्चों को सोसाइटी की अच्छी समझ नहीं होती है। ऐसे में सोशल मीडिया पर बच्चों को की प्रोफाइल प्राइवेट रखें। इससे उनकी प्रोफाइल का आसानी से मिसयूज नहीं हो सकेगा। प्रोफाइल से कोई भी पिक्स या अन्य कंटेंट नहीं ले सकेगा।
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पेरेंटल कंट्रोल
पेरेंटल कंट्रोल सेटिंग यूज करने से आप अपने बच्चे को ऑनलाइन उपलब्ध किसी भी तरह के ऐसे कंटेंट से बचा सकते हैं, जो बच्चे के लिए हानिकारक हो। इसके साथ ही उसकी एक्टिविटीज पर भी नजर रख सकते हैं।