हानिकारक रसायनों से आम पकाने पर रोक
ध्यान रहे की रसीले आम सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं, अगर इन्हें कैल्शियम कार्बाइड जैसे हानिकारक रसायनों से पकाया गया हो। आम पकाने के ऐसे गलत तरीकों पर फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ट अथॉरिटी एफएसएसएआई ने सख्ती से रोक लगा दी है। ये रसायन स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं। आपके आम प्राकृतिक रूप से पके हुए हों या फिर अथॉरिटी द्वारा तय की गाइडलाइंस के अनुसार पकाए गए हों। अगर ऐसे गलत तरीकों से आम पका रहा है, तो समझ लें वो आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

कैल्शियम कार्बाइड क्या है?
डॉ.भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के लाइव साइंस विभाग की डॉ। उदिता शर्मा का कहना है कि कैल्शियम कार्बाइड, जिसे चूना पत्थर भी कहा जाता है, एक रासायनिक यौगिक है जिसका सूत्र सीएसी-2 होता है। यह काले रंग का ठोस पदार्थ होता है जो पानी में घुलने पर एसिटिलीन गैस (सी 2 एच2) छोड़ता है। एसिटिलीन गैस ज्वलनशील होती है और इसका इस्तेमाल वेल्डिंग और धातु काटने में किया जाता है।

केमिकल से जहरीले हो रहे फल
डॉ। उदिता तिवारी, डिपार्टमेंट ऑफ लाइफ साइंस बायोकैमिस्ट्री ने बताया कि फलों को पकाना, कुछ लोग कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल फलों को जल्दी पकाने के लिए करते हैं। यह तरीका खतरनाक है। क्योंकि इससे फल जहरीले हो सकते हैं। कैल्शियम कार्बाइड की धूल सांस लेने से खांसी, सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। गंभीर मामलों में, इससे श्वांस लेने मेें समस्या हो सकती है। कैल्शियम कार्बाइड त्वचा और आंखों को जला सकता है। कुछ अध्ययनों में कैल्शियम कार्बाइड के संपर्क में आने से फेफड़ों के कैंसर के खतरे में वृद्धि के बीच संबंध पाया गया है।

पेट और आंत की समस्याएं
डॉ। विनय गोयल ने बताया कि कैल्शियम कार्बाइड से आर्सेनिक और फास्फोरस हाइड्राइड के अवशेष पेट और आंत की समस्याएं पैदा कर सकते हैं, जिससे पेट में दर्द, मतली, उल्टी और दस्त हो सकते हैं।

इस्तेमाल से कैंसर का भी खतरा
फल जल्दी पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल बहुत खतरनाक है। इससे कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं, जिनमें कैंसर और त्वचा संबंधी समस्याएं भी शामिल हैं। कैल्शियम कार्बाइड इस्तेमाल करने से फलों में आर्सेनिक और फॉस्फोरस जैसे तत्व रह जाते हैं। ये तत्व शरीर में जमा होते रहते हैं और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ा देते हैं।

ऐसे करें केमिकल युक्त आम की पहचान
समस्या ये है कि कि कई बार फलों को देखकर ये पता लगाना मुश्किल होता है कि उन्हें कैल्शियम कार्बाइड से पकाया गया है या नहीं। कुछ आसान तरीके जिनकी मदद से आप ऐसे फलों की पहचान कर सकते हैं।

एक समान रंग
-कैल्शियम कार्बाइड से पके फलों का रंग बिल्कुल एक समान होता है। पूरे फल पर एक ही तरह का, अस्वाभाविक रंग नजर आता है।
असमान्य चमक
-इन फलों पर अक्सर एक अस्वाभाविक चमक या चिकनापन होता है।

खुशबू की कमी
-प्राकृतिक रूप से पके फलों में एक खास खुशबू होती है, जो कैल्शियम कार्बाइड से पके फलों में नहीं होती।

अजीब स्वाद या गंध
-कैल्शियम कार्बाइड से पके फलों में अजीब सा स्वाद या गंध हो सकता है, जो प्राकृतिक रूप से पके फलों से अलग होता है।

कठोरता
-कैल्शियम कार्बाइड से पके फलों की कठोरता भी प्राकृतिक रूप से पके फलों से अलग हो सकती है। ये फल ज्यादा नरम या दबाने पर गीले लग सकते हैं।

अवशेष
-कैल्शियम कार्बाइड से पके फलों पर गौर से देखने पर छिलके पर हल्का सा अवशेष भी नजर आ सकता है।

कैल्शियम कार्बाइड से पके आम की ऐसे करें पहचान
एक रिसर्च में फलों को पकाने में इस्तेमाल होने वाले कैल्शियम कार्बाइड की पहचान करने का आसान तरीका ढूंढ निकाला है। इस तरीके में उन्होंने एक विशेष घोल ,बायो-फंक्शनलाइज गोल्ड नैनोपार्टिकल्स से बना, तैयार किया है। जब इस घोल को धोए हुए फलों के पानी में मिलाया जाता है, तो घोल का रंग बदल जाता है, अगर फल को पकाने में कैल्शियम कार्बाइड इस्तेमाल किया हो।


कैल्शियम कार्बाइड, जिसे चूना पत्थर भी कहा जाता है, एक रासायनिक यौगिक है जिसका सूत्र सीएसी-2 होता है। यह काले रंग का ठोस पदार्थ होता है जो पानी में घुलने पर एसिटिलीन गैस (सी 2 एच 2) छोड़ता है। एसिटिलीन गैस ज्वलनशील होती है और इसका इस्तेमाल वेल्डिंग में किया जाता है।
डॉ। उदिता तिवारी, डिपार्टमेंट ऑफ लाइफ साइंस वायोकैमस्ट्रिी



कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल सेहत के लिए खतरनाक है, क्योंकि इससे फल जहरीले हो सकते हैं। कैल्शियम कार्बाइड की धूल सांस लेने से खांसी, सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। गंभीर मामलों में, इससे श्वांस लेने मेें समस्या हो सकती है। कैल्शियम कार्बाइड त्वचा और आंखों को जला सकता है। कैल्शियम कार्बाइड से फेफड़ों के कैंसर का खतरा हो सकता है।
डॉ। विनय गोयल, जनरल फिजीशियन


वर्जन
खाने या पीने की वस्तुओं में अगर कोई मिलावट करता है तो ये बड़ा गंभीर मामला है। मिलावट करते पकड़े जाने पर उम्र कैद के बाद दस वर्ष का कारावास है।
हेमत भारद्धाज, वरिष्ठ अधिवक्ता

वर्जन
प्रत्येक ट्रक में बीस टन का के आसपास वजन होता है। शुरूआत में आम की कीमत 110 रुपए प्रति केजी थी, अब आम चालीस रुपए किलो हैं। दहशरी आम की खेप पक चुकी है, जो लखनऊ मलिहाबाद और दूसरा साहरनपुर से आ रहा है। 12 से 13 कंटेनर प्रतिदिन आ रहे हैं।
मास्टर रफिक, थोक विक्रेता आम