एनसीआर में ठक-ठक गैंग, यहां टप्पेबाज
अगर आप भी रात के समय अकेले कार में सफर कर रहे हैं, तो आपको सावधान रहने की जरूरत है। .क्योंकि आगरा शहर से लेकर दिल्ली एनसीआर तक 'ठक-ठक गैंगÓ एक्टिव है। यहां उसे टप्पेबाज गैंग कहा जाता है। इस गैंग के लोग जैसे ही आपको अकेला देखेंगे, वैसे ही आपको टारगेट करना शुरू कर देंगे, किसी न किसी बहाने से वाहन चालक के नजदीक आकर वारदात को अंजाम देते हैं। शहर के कई पब्लिक प्लेस पर इस का गैंग का मूवमेंट देखा जा रहा है, देखने में सांवला कलर भाषा भी अलग है।

चंद सेकंड में पार कर देंगे बैग, पर्स
गैंग के शातिर सदस्य सार्वजनिक स्थानों पर आपको अकेले देखते हैं तो दूसरे साथियों को भी इसकी सूचना देते हैं कि शिकार फंसने को तैयार है.वे आपको टारगेट करने की कोशिश करेंगे और किसी न किसी बहाने से आपकी कार में रखा लैपटॉप, मोबाइल, पर्स, बैग और कीमती सामान को चंद सेकंड में पार कर देंगे। इस गैंग के सदस्य तमिलनाडु के रहने वाले हैं, सभी अपने काम में माहिर हैं।

वारदात को अंजाम देने का अंदाज
आप अगर कार में सफर कर रहे हैं और कोई युवक या कोई महिला आपसे आकर कहती है कि साहब कार से ऑयल गिर रहा है, आपका टायर पंचर है, या आपकी कार का पीछे का दरवाजा खुला हुआ है, या शीशे पर कुछ लगा हुआ है, या फिर कार से धुआं निकल रहा है तो यकीन मत करिए। ऐसे में आपको सावधान रहने की जरूरत। शातिर चंद सेकंड में हाथों की सफाई दिखा कर आपको अपना शिकार बना लेंगे।

दिल्ली से आगरा में फैला नेटवर्क
शातिरों के कहने पर चार या पांच सेकंड तक ये देखने में व्यस्त होते हैं कि कार से ऑयल क्यों आ रहा है, इसी बीच वे वारदात को अंजाम देकर गायब हो जाते हैं। शहर के सार्वजनिक स्थान पर ठक-ठक गैंग सक्रिय है। इसे ठक-ठक गैंग इसलिए कहा जाता है, क्योंकि ये पहले आपके कार की खिड़की या शीशे पर आकर ठक-ठक कर के दरवाजा खटखटाएंगे। उसके बाद आपको बताएंगे कि आपकी कार में क्या कमी है। जैसे ही आप उसे देखने नीचे कार से उतरेंगे। दूसरा साथी चंद सेकंड में आपकी कार से सामान गायब कर देगा। इनका नेटवर्क दिल्ली तक फैला हुआ है।
वारदात-15 जून
करोड़ों के हीरे कर दिए चंद सेकंड में पार
डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि उनकी टीम ने ठक-ठक गैंग के नौ सदस्यों को पकड़ा है। शातिर गैंग में 13 से ज्यादा लोग हैं, 15 जून की रात को लगभग 8.30 बजे मदिया कटरा पर गैंग ने कार में रखे एक करोड़ के हीरे चंद सेकंड में पार कर दिए थे। पकड़े गए शातिरों से पूछताछ की जा रही है, वहीं फरार गैंग के लोगों को पकडऩे के लिए दबिश दी जा रहीं हैं। इस घटना के खुलासे के लिए पुलिस टीम को सीसीटीवी से साक्ष्य मिले, इसके बाद दिल्ली से गैंग के शतिरों को अरेस्ट किया गया। वे घटना को अंजाम देने के बाद मामला ठंडा होने तक वहीं रहते हैं।

वारदात-12 मार्च

ढाई किलो सोना, 62 लाख की रजिस्ट्री जब्त
जयपुर के पटेल नगर में मनीष सोनी की मंशा ज्वैलर्स नाम से फर्म है। मार्च 2024 में मनीष ने आगरा के थाना शाहगंज में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बताया गया था कि जनवरी में उनका कर्मचारी प्रदीप सिंह निवासी सवाई माधोपुर सोने के जेवरात लेकर कोलकाता गया था। डील न होने पर वह जेवरात लेकर सियालदाह एक्सप्रेस से जयपुर लौट रहा था। आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के रुकते ही दो शातिर ट्रेन में चढ़ गए। उन्होंने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए प्रदीप के पास से जेवरात का बैग, मोबाइल और कैश ले लिया। जांच में लूटा गया सोना करीब ढाई किलोग्राम था। लूटे गए सोने के कुछ भाग को बेचकर शातिरों ने 62 लाख का प्लॉट खरीदा। एक किलो सोना लॉकर में रखा था। उनके पास से 1 किलो 498 ग्राम सोना पुलिस ने बरामद कर लिया है। पुलिस जांच में सामने आया कि सोना ढाई किग्रा। था।
घटना के बाद दिल्ली ठिकाना
उस दिन इस गैंग ने कई घटनाओं को अंजाम दिया था। इस गैंग में महिलाएं भी शामिल हैं। यह सभी लोग तमिलनाडु के रहने वाले बताए जा रहे हैं। घटना को अंजाम देने के बाद यह दिल्ली एनसीआर में सामान बेचते और वहीं छिप कर रहते थे। कुछ दिन बाद सभी बताए गए स्थान पर जमा हो जाते और फिर से नई प्लानिंग कर लोगों को अपना शिकार बनाते, ठक-ठक गैंग शातिर और चालक है। ये आपके बैठने और कार चलाने के तरीके से पहचानता है कि आपको शिकार बनाना है या नहीं।


अभी तक गिरफ्त में आए ठक-ठक गैंग
-मेल गैंग के मेंबर
06
फीमेल गैंग की मेंबर
03
-फरार ठक-ठक गैंग
04

-शहर मेें एक्टिव ठक-ठक गैंग
6 से अधिक


इस ठक-ठक गैंग में 13 सदस्य हैं। हालांकि पुलिस ने इस गैंग के 9 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं। चार अन्य की तलाश की जा रही है। दूसरी घटना में एक किलो चार सौ ग्राम सोना और 62 लाख के प्लॉट की रजिस्ट्री भी बरामद कर ली है।
सूरज राय, डीसीपी सिटी जोन