जागरूकता संदेश दिए जाते हैं
स्मार्ट सिटी की ओर से शहर के 43 चौराहों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगवाए गए हैं। इन पब्लिक एड्रेस सिस्टम से स्वच्छता का संदेश देने के साथ विभिन्न जागरूकता संदेश दिए जाते हैं। लेकिन हाल ही में इस पीए सिस्टम का यूज ट्रैफिक पुलिस भी कर रही है। इस व्यवस्था में चौराहे पर लगे कैमरे के जरिए नियम तोडऩे वालों पर नजर रखी जा रही है। चौराहे पर लगे स्पीकर और वायरलेस के जरिए चालक और पुलिसकर्मियों को सूचना दी जाती है कि तत्काल कार्रवाई करें।


गूगल और मेपल्स ऐप से मॉनिटरिंग
गूगल और मेपल्स ऐप के माध्यम से कंट्रोल रूम से शहर के ट्रैफिक की मॉनिटरिंग की जा रही है। सीसीटीवी कैमरों की निगाह में जो वाहन चालक ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करता दिखता है। उसे चौराहे पर रुकने पर चेतावनी दी जाती है। चौराहा पर लगे पब्लिक एड्रेस सिस्टम से अनाउंसमेंट किया जाता है। वायरलेस के द्वारा ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को वाहन चालकों को चेतावनी देने के लिए कहा जाता है।

क्या है पहल का लक्ष्य?
इस पूरी कवायद का मकसद शहर में बढ़ते सड़क हादसों को रोकने के साथ टूरिस्ट्स और आम लोगों को जाम की समस्या से मुक्ति दिलाना हैं। सीसीटीवी के जरिए स्टॉप लाइन से आगे वाहन खड़े करने वाले या फिर लेफ्ट साइड रोड को रोकने वालों को पहले चेतावनी दी जाती है, अगर इसके बाद भी वो नहीं मानते हैं तो उनके चालान काट दिए जाते है।

43 चौराहों पर लगे हैं पब्लिक एड्रेस सिस्टम

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अब चौराहों पर वाहनों के शोर की आवाज सुनाई नहीं देती। बल्कि कोई न कोई संदेश सुनाई देता है। ये संदेश स्वच्छता से जुड़ा हो या फिर ट्रैफिक से जुड़ा। ये पहल अच्छी है। इससे लोगों तक आसानी से मैसेज पहुंचाया जा सकता है।
गुड्डू सिंघल


अब चौराहों पर पीए सिस्टम से अधिकतर स्वच्छता का संदेश सुनाई देता है। हाल ही में ट्रैफिक रूल्स को लेक र भी दिशा-निर्देश भी मिलना शुरू हो गए हैं। इससे लोगों में ट्रैफिक रूल्स के प्रति अवेयरनेस आएगी। लोग ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करेंगे।
दीपक शर्मा

चौराहों पर लगे पब्लिक एड्रेस सिस्टम से मैसेज देना अच्छा है। इससे लोगों में अवेयरनेस आएगी। लोग ट्रैफिक रूल्स का उल्लंघन करने से पहले कई बार सोचेंगे। इसके साथ ही इसका दायरा और बढ़ाना चाहिए। हर चौराहे पर ये सिस्टम लगना चाहिए।
मुकेश सिंह