एक टॉयलेट मेट्रो प्रोजेक्ट के चलते हटाया
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत एरिया बेस्ड डेवलपमेंट (एबीडी) के तहत ताजमहल के आसपास के क्षेत्रों में 9 जगह पर ई-टॉयलेट्स बनवाए गए थे। मेट्रो के निर्माण कार्य के दायरे में आने के कारण फतेहाबाद रोड पर बने एक ई टॉयलेट को हटाया गया था। इनके निर्माण पर करीब ढाई करोड़ रुपए का खर्च आया था। निर्माण के साथ ही रखरखाव की जिम्मेदार सैमटेक क्लीन एंड क्लियर सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड की थी। लेकिन निर्माण के बाद कंपनी गायब हो गई। ई-टॉयलेट की स्थिति खस्ताहाल हो गई। टॉयलेट गंदे रहते थे। निगम की ओर से कंपनी पर कार्रवाई की गई। सिक्योरिटी राशि जब्त कर ली गई।

सौंदर्यीकरण भी किया गया
फतेहाबाद रोड पर इन ई-टॉयलेट के सौंदर्यीकरण पर भी कार्य किया गया। जी-20 विजिट के दौरान लाल पत्थर की ग्रिल लगाई। नई कंपनी को इन ई-टॉयलेट के देखभाल की जिम्मेदारी दी गई। ताजनगरी के रहने वाले हेमंत ने कहा कि ताजगंज क्षेत्र में ही ये टॉयलेट देखने को मिलते हैं, जबकि शहर के अन्य हिस्सों में भी इस तरह के टॉयलेट बनने चाहिए। खासतौर से मार्केट्स में, जहां सबसे अधिक फुटबॉल रहता है।

2.50 करोड़ से तैयार किए ई-टॉयलेट्स
8 स्थानों पर संचालित हैं ई-टॉयलेट्स
5 रुपए का कॉइन डालने से खुलता है टॉयलेट का गेट
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शहर में मौजूदा समय में आठ ऑटोमेटिक स्मार्ट टॉयलेट हैं। सभी संचालित हैं। इनका पूरी तरह से मेंटीनेंस भी हो रहा है। इसकी जिम्मेदारी निजी कंपनी उठा रही है।
सौरभ अग्रवाल, चीफ डाटा ऑफिसर, स्मार्ट सिटी


सिर्फ ताजमहल के आसपास ही नहीं, बल्कि शहर के अन्य एरियाज में भी इस तरह के टॉयलेट का निर्माण होना चाहिए। इससे लोगों को सुविधा मिलेगी।
दीपक दक्ष


मार्केट में दूर-दूर तक कोई टॉयलेट नहीं दिखाई देता। इसके चलते लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। एमजी रोड पर भी ऐसे टॉयलेट बनने चाहिए।
मुकेश सिंह

शहर में पुराने टॉयलेट खस्ताहाल हैं। फतेहाबाद रोड पर ही ये टॉयलेट नहीं बनने चाहिए, बल्कि शहर के अन्य एरियाज में भी ऐसे ई-टॉयलेट बनें।
ब्रजेश शर्मा

शहर में पब्लिक प्लेसेस पर प्रॉपर ई-टॉयलेट की व्यवस्था नहीं होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। खुले में टॉयलेट करने को लोग मजबूर होते हैं।
दीपक शर्मा