पूरी चौकी को किया था सस्पेंड
पुलिस कर्मियों में लापरवाही पर कार्रवाई का ये पहला मामला नहीं हैं, तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक ने वसूली के मामले में बिजलीघर चौकी को सस्पेंड किया था। इसके बाद सार्वजनिक स्थानों पर शराब पिलाने के मामले में संजय पैलेस की पूरी चौकी को सस्पेंड किया था। इसके बाद तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने भी अपने सख्त तेवर से अलग-अलग 30 थानों से 40 पुलिस कर्मियों को सस्पेंड किया था, इसके बाद कमिश्नरेट बनने के बाद जे रविन्दर गौड़ ने अब तक 56 पर सस्पेंड की कार्रवाई की है। ये आगरा में सबसे बड़ी कार्रवाई है।

एचएस, सट्टेबाज और गैंगस्टर को संरक्षण
आगरा कमिश्नरेट में पुलिस कर्मियों के खिलाफ लगातार वसूली के मामले सामने आ रहे थे। कमिश्नर जे रविन्दर गौड ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डीसीपी पूर्वी, डीसीपी सिटी और डीसीपी पश्चिमी को अपने- अपने जोन में जांच के आदेश दिए थे। विवेचक और पुलिसकर्मियों के खिलाफ आने वाली शिकायतों को भी जांच में शामिल किया गया। इसके बाद विभाग की जांच शुरू हो गई। जिसमें डीसीपी सिटी सूरज राय ने दरोगा पुलिसकर्मी समेत 30 की लिसट जारी की, वहीं डीसीपी पश्चिमी ने 23 और डीसीपी पूर्वी ने 3 की लिस्ट जारी की है, जबकि अभी दर्जनों में मामलों की जांच की जा रही है। जिसमें पुलिसकर्मी एचएस, सट्टेबाज, गैंगस्टर और मादक पादार्थ की तस्करी करने वालों को संरक्षण जैसे मामले शामिल हैं।


फीडबैक सेल ने तैयार की जांच रिपोर्ट
कार्यालय में आने वाली शिकायतों में विवेचक और बीट सिपाही की शिकायत भी आ रही थीं, फरियादी अपनी शिकातय के साथ पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगा रहे। तीनों जोन के दरोगा और पुलिसकर्मियों के खिलाफ आने वाली शिकायतों के प्रार्थना पत्र फीडबैक सेल को दिए गए, इसके बार ऐसे पुलिसकर्मी और दरोगा की गोपनीय जांच की गई, जिसमें उनकी रिश्वत लेने और अपराधियों को संरक्षण देने की बात सामने आई।


विवेचक दोनों पार्टियों से करते हैं डिमांड
संबंधित थानों से विवेचक को जांच सौंपी जाती है, जिसमें निष्पक्ष मामलों की जांच होनी चाहिए, लेकिन अधिकतर मामलों में विवेचना करने वाले उपनिरीक्षक दोनों ओर से रुपयों की डिमांड कर रहे थे, कई मामलों में दोनों पार्टियों से रिश्वत लेने के बाद मामले का लटका दिया जाता है। कुछ समय बाद ट्रांसफर का हवाला दिया जाता है। ऐसे दर्जनों मामले आज भी आगरा कमिश्नरेट में पेंडिंग हैं।

रिश्वत लेकर की तथ्यों में फेरबदल
न्यू आगरा में तैनात दरोगा धर्मेंद्र सिंह और प्रशिक्षु दरोगा अनंत सिंह ने मुकदमे की विवेचना के दौरान तथ्यों में फेरबदल किया और साक्ष्य आधारित विवेचना प्रणाली लागू होने के बाद भी घनघोर लापरवाही रखी। दोनों दरोगाओं ने धाराओं और विवेचना के तथ्यों में फेरबदल कर दिया। इस आरोप में दोनों दरोगाओं को सस्पेंड कर दिया गया है।


बीपीओ नहीं मान रहे थे आदेश
कमिश्नरेट के शहरी जोन में छह दरोगा, चार हेड कॉन्स्टेबल, चार मुंशी और 16 सिपाहियों पर कार्रवाई की गई है। पश्चिमी जोन में चार दरोगा रामजस यादव, प्रताप सिंह, सतेंद्र त्रिपाठी, प्रशिक्षु दरोगा कारण सिंह के अलावा चार हेड कॉन्स्टेबल, एक कंप्यूटर ऑपरेटर, एक उर्दू अनुवादक और 13 सिपाहियों को एक आदेश में सस्पेंड किया गया है। इसी तरह पश्चिमी जोन में एक प्रशिक्षु दरोगा मीनाली चौधरी और एक हेड कॉन्स्टेबल को सस्पेंड किया गया है। निलंबित पुलिस कर्मचारियों में 12 दरोगा और 6 मुंशी शामिल हैं।


साइबर क्रिमिनल से साठगांठ
साइबर क्राइम थाने में तैनात एचसीपी समेत पांच पुलिसकर्मियों की साइबर क्रिमिनल्स से मिली भगत पाई गई है। फीडबैक में यह भी खुलासा हुआ है कि साइबर सेल में पीडि़त का मुंशी और सिपाही उत्पीडऩ करते थे। पीडि़त का उत्पीडऩ करने के मामले में आरोपी मुख्य आरक्षी अविनाश, शेर सिंह, सनी कुमार, कर्मवीर और सिपाही धर्मेंद्र को सस्पेंड किया गया है।


19 महीने में सबसे बड़ी रिपोर्ट
आगरा कमिश्नरेट बनने के बाद 19 महीने में यह सबसे बड़ी, पासपोर्ट आवेदकों से फीडबैक सेल में 21 लोगों ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद उनके पासपोर्ट वेरीफिकेशन की रिपोर्ट लगाने वाले थाना न्यू आगरा में तैनात दरोगा विनोद कुमार, हरीपर्वत में तैनात दरोगा जितेंद्र प्रसाद सिंह, शाहगंज में तैनात प्रशिक्षु दरोगा प्रखर और कमला नगर में तैनात प्रशिक्षु दरोगा प्रशांत कुमार को सस्पेंड किया गया।



आचार सहिंता में पुलिस कर्मियों की कंप्लेन मिली थीं, फीडबैक से मिली रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई है। फरियादियों से गलत व्यवहार औैर भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शिकायतें आ रहीं हैं, दोषी मिलने पर सख्त कार्रवाई कराई जाएगी।

जे रविन्दर गौड, पुलिस कमिश्नर, आगरा