मानसिक स्वस्थ के साथ बढती है मेमोरी
दयालबाग शिक्षक संस्थान में योगाभ्यास को लेकर की गई रिसर्च में सामने आया है कि एग्जाम की तैयारी में योग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। योग प्रक्रियाओं और आसनों का अभ्यास करने से स्टूडेंटस के माइंड को शांति और स्थिरता मिलती है, जिससे वे एग्जाम के दौरान मानसिक रुप से स्वस्थ स्थिति में रहते हैं। योग करने से स्टूडेंट्स का ध्यान और मेमोरी की शक्ति बढ़ती है, जो एग्जाम के समय में उनके लिए आवश्यक होती है। योग के अभ्यास से स्टूडेंट्स का तनाव कम होता है, जिससे उनकी मानसिक स्थिति बेहतर होती है। योग के अभ्यास से स्टूडेंट्स की नींद भी ठीक होती है, जिससे वे एग्जाम केदिनों में तनाव मुक्त रह सकते हैं।


योग से एग्जाम में जोश और एक्टिवनेस
स्टूडेंट्स पर योग रिसर्च स्कॉलर डॉ। रुबीना सक्सेना ने सहायक प्रो। धर्मशास्त्र, डॉ। कविता कुमार, सहायक प्रो। मनोविज्ञान डीईआई द्वारा किया गया है। योग एक्सपर्ट डॉ। रुबीना सक्सेना बताती हैं कि योग करने से स्टूडेंट्स का ध्यान और मेमोरी की शक्ति भी बढ़ती है, जो बेहतर एग्जाम के लिए बहुत जरूरी है। योग के अभ्यास से स्टूडेंट्स का तनाव कम होता है, जिससे उनकी मानसिक स्थिति सुधरती है और वे एग्जाम के दौरान अधिक जोश और एक्टिव रहते हैं। साथ ही, योग करने से स्टूडेंट्स के स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचता है जो कि एग्जाम के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

अच्छी नींद के साथ सोचने की क्षमता होती है विकसित
योग करने से ब्लड संचार बेहतर होता है, जिससे मस्तिष्क की क्रियाशीलता बढ़ती है, जो पढ़ाई के समय पॉजिटिव एनर्जी देती है। ब्रेन योगा में सबसे ज्यादा हाथों की एक्सरसाइज होती है। इस व्यायाम को करने से स्टूडेंट्स को कई लाभ मिलते हैं। जैसे पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ती है, वे पढ़ाई में अधिक ध्यान दे पाते हैं, यह एक्सरसाइज करनी चाहिए, इससे उनका माइंड भी शांत रहता है। साथ ही अधिक सोचने की क्षमता भी विकसित होती है।

डीईआई के 100 स्टूृडेंट्स पर की गई रिसर्च
डॉ। रुबीना सक्सेना का कहना है कि इस योग अभ्यास के लिए दयालबाग शिक्षक संस्थान के हॉस्टल मेें रहने वाले 100 स्टूडेंट्स को सिलेक्ट किया गया। कॉलेज के स्टूडेंट्स को छह महीने के पायलट कार्यक्रम शुरू किए। दोपहर एक बजे से साढ़े पांच बजे तक स्टूडेंट्स को रोजाना योगाभ्यास कराया गया। मूल्यांकन करने के बाद सामने आया कि उनका चिंता का स्तर, तनाव का स्तर, और माइंडफुलनेस उपकरण के लिए संख्यात्मक और श्रेणीबद्ध पैमानों का उपयोग किया गया। इसके बद प्रत्येक 100 स्टूडेंट्स के स्कोर का मूल्यांकन किया गया।


योगाभ्यास का रिजल्ट
18 से 24 वर्ष की आयु के स्टूडेंट्स पर योगाभ्यास पूरा किया गया। उनके तनाव स्कोर में कमी आई। जबकि उनकी कुल माइंडफुलनेस में भी वृद्धि देखी गई। ध्यान, तनाव, चिंता और माइंडफुलनेस, मानसिक स्वस्थ बेहतर रहा, उनके साथ रहने वाले स्टूडेंट्स समान्य हैं।


ये हैं उपयोगी योग अभ्यास
ग्रीवा संचालन, चक्षु व्यायाम, त्राटकक्रिया, शांभवी मुद्रा, नाड़ीशोधन प्राणायाम, उज्जायी प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, उद्गीत आदि, ताड़ासन, अर्द्धकटिचक्रासन, पादहस्तासन, त्रिकोणासन, वीरभद्रासन, गोमुखासन, बालासन, उष्ट्रासन, पश्चिमोत्तानासन, शवासन।

प्रभावी मस्तिष्क विकास
योग प्रोटीन के उत्पादन में सुधार करता है और इसे ब्लड प्रवाह में छोड़ता है। इस प्रकार का प्रोटीन मौजूदा मस्तिष्क कोशिकाओं को लगातार बेहतर करने में मदद करता है। तंत्रिका तंत्र स्वस्थ रहता है।

बढ़ी हुई मेमोरी पॉवर
योग के दौरान हमारे शरीर में जो प्रोटीन बनता है, वह मस्तिष्क के उस क्षेत्र के साथ अच्छी तरह से प्रतिक्रिया करता है जो मेमोरी बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होता है।

बेहतर शैक्षणिक प्रदर्शन
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ योगा (आईजेवाई) द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि योग से छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार हुआ है।

रिसर्च स्कॉलर
डीईआई में किए गए शोध का विषय था, विश्वविद्यालय के छात्रों में अतिरिक्त संवेदी धारणाओं और कार्यशील स्मृति को बढ़ाने में योग आसन और ध्यान की भूमिका था, स्टूडेंट्स पर योग रिसर्च स्कॉलर डॉ। रुबीना सक्सेना, सहायक प्रो। धर्मशास्त्र, डॉ। कविता कुमार, सहायक प्रो। मनोविज्ञान डीईआई द्वारा किया गया है।



दयालबाग शिक्षक संस्थान के हॉस्टल मेें रहने वाले 100 स्टूडेंट्स को रिसर्च के लिए सिलेक्ट किया गया। स्टूडेंट्स को पायलट कार्यक्रम शुरू किया। दोपहर एक बजे से साढ़े पांच बजे तक स्टूडेंट्स को रोजाना योगाभ्यास कराया गया। मूल्यांकन करने के बाद सामने आया कि उनका चिंता का स्तर, तनाव का स्तर कम हुआ है।
डॉ। रुबिना सक्सेना, रिसर्च स्कॉलर