आगरा। आईकोग कार्यशाला में आयोजित आईसीओजी के दीक्षांत समारोह में 11 डॉक्टरों को फैलोशिप प्रदान की गई। साथ ही इस मौके पर 90 नए सदस्य आईसीओजी (इंडियन कॉलेज ऑफ आब्सेटेट्रिक गायनोकोलॉजी) में शामिल हुए। इस मौके पर डॉक्टरों ने कहा कि मातृ मत्यु दर को कम करने के लिए महिलाओं को खुद निश्चित करना होगा कि उन्हें कब और कितनी बार गर्भधारण करना है। तभी इस समस्या को रोक पाएंगे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीएन पुरर्णेद्रे रहे। गेस्ट ऑफ ऑनर डॉ। लेजली रीगन ने कहा मातृ मुत्यु दर की प्रतिशत विकासशील देशों में 99 फीसदी है। उन्होंने कहा कि गायनोकोलॉजी के क्षेत्र में काम करने के लिए अभी काफी कुछ है। इसमें सर्जरी से लेकर स्वास्थ्य संबंधी विषय भी शामिल हैं।

इस मौके पर डॉ। नरेन्द्र मल्होत्रा, डॉ। जयदीप मल्होत्रा, डॉ। ऋषिकेश डी.पाई, डॉ। माइकल ओकोनिल, डॉ। दिलीप कुमार दत्ता, डॉ। अलका त्रिपलानी, डॉ। शांता कुमारी, डॉ। कृष्मेन्द्रु गुप्ता, डॉ। विजयश्री मसानी, डॉ। जेएन कार्लो आदि मौजूद थे।

दो पुस्तकों का विमोचन

कलाकृति में आयोजित आईकोग में आज दो पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। पहली एआईसीजी और दूसरी प्रक्टीसनर हेंड बुक, जिसमें नवीन तकनीकों के साथ प्रैक्टिस करने वाले स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञों को अपडेट होने के लिए तमाम नई जानकारियां हैं। एआईसीजी पुस्तक, जिसमें नवीन शोध व जांचों से सम्बंधित तमाम जानकारियां हैं। इसे डॉ। जयदीप मल्होत्रा,डॉ। प्रकाश त्रिवेदी, डॉ। नरेन्द्र मल्होत्रा, डॉ। सरोज सिंह ने संपादित किया। दूसरी पुस्तक प्रक्टीशनर हैंड में प्रैक्टिस करने वाले गायनेकोलॉजिस्टों के लिए प्रसव के समय आने वाली कॉम्पलीकेशन आदि से सम्बंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियां हैं, जो सिर्फ डॉक्टरों के लिए ही नहीं बल्कि मरीजों की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। प्रक्टीशनर हैंड को सम्पादित किया है डॉ। सरोज सिंह, डॉ। जयदीप मल्होत्रा ने। कोएडिटर डॉ। शिखा सिंह व डॉ। निहारिका मल्होत्रा हैं।