आगरा(ब्यूरो)। आगरा महाधर्मप्रांत निदेशक फादर मून लाजरस ने बताया कि सबसे पुराना चर्च वजीरपुरा रोड स्थित सेंट पीट्र्स कॉलेज के प्रांगण में बना अकबरी चर्च (अकबर्स चर्च) है। सम्राट अकबर की पॉलिसी थी दीन-ए-इलाही, जिसके तहत सभी धर्मों का सम्मान किया जाता था। हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई समाज के लोगों को एक समान दर्जा दिया जाता था। सम्राट अकबर की पत्नी थी मरियम, जो ईसाई धर्म से थी।

गोवा से बुलाए पुरोहित
फादर मून लाजरस ने बताया रानी मरियम की पूजा पाठ के लिए ही सम्राट ने गिरजाघर बनवाया था। इसके लिए गोवा से फादर (ईसाई समाज के पुरोहित) बुलाए गए। ये पुरोहित पुर्तगाल से गोवा पहुंचे थे। जब पुरोहित आगरा पहुंचे, तो सम्राट लाहौर (अब पाकिस्तान में) में थे। पुरोहित वहां जाकर सम्राट से मिले। सम्राट ने उन्हें लाहौर और आगरा में चर्च की स्थापना के लिए कहा।

अब भी स्थित है चर्च
आगरा मुगलकाल में राजधानी था। यहां चर्च बनवाने के लिए सम्राट अकबर ने जमीन दी। तब यहां वर्ष 1560 में चर्च बनवाया गया। ये चर्च अब भी वजीरपुरा रोड स्थित सेंट पीटर्स कॉलेज के प्रांगण में स्थित है। इसे अकबर्स चर्च या अकबरी चर्च भी कहा जाता है। ये उत्तर भारत के सबसे प्राचीन और ताजनगरी का पहला चर्च है। यहां रानी मरियम पूजा पाठ के लिए आया करती थी।

क्रिसमस पर सजाए जा रहे चर्च
वहीं शहर में क्रिसमस को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रहीं हैं। शहर के गिरजाघरों को सजाया जा रहा है। प्रतापपुरा चौराहा स्थित सेंट मैरी चर्च में विशेष रूप से क्रिसमस को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। यहां गुरुकुल के छात्र चर्च की सजावट में जुटे हुए हैं।


सबसे पुराना चर्च सेंट पीटर्स कॉलेज के परिसर में स्थित अकबरी चर्च है। इसका निर्माण सम्राट अकबर के दौर में कराया गया।
फादर मून लॉजरस, निदेशक, आगरा महा धर्म प्रांत

बच्चे बनेंगे सेंटा क्लाज, उपहार में मिलेगी सेंटा डॉल
आगरा। क्रिसमस पर बच्चे और बड़े सेंटा क्लॉज की वेषभूषा में नजर आएंगे। बच्चों को भी उपहार में सेंटा डॉल मिलेगी। बाजार में कई नई चीजें आई हैं। क्रिसमस को लिए इस बार बच्चों के लिए सेंटा के स्वरूप की डॉल आई हैं। 80 से 100 रुपए तक में मिल रही डॉल बच्चों में आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। इसके साथ ही सेंटा की ड्रेस की मांग है। 200 रुपए में बच्चों की और 500 से 800 तक में बड़ों के लिए सेंटा की ड्रेस उपलब्ध है। बच्चों के लिए सेंटा की साधारण टोपी के साथ मुखौटे वाली टोपी भी बच्चों को पसंद आ रही है। राजा की मंडी, सदर बाजार, न्यू आगरा आदि बाजारों में इनकी काफी मांग है।