AGRA (24 Nov.): हाईस्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा 2016 में परीक्षा केन्द्र के लिए बोली लगना शुरू हो गई है। जिसकी जितनी बड़ी बोली, उसको सेंटर मिलेगा। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष परीक्षा केन्द्र बनाए जाने के रेट में 25 फीसद तक की वृद्धि हुई है। इस बार परीक्षा केन्द्रों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी, जिसके चलते कई स्कूल संचालकों का भला भी होगा।

पहली सूची हो गई तैयार

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा मार्च 2016 में शुरू हो रही है, इसके लिए परीक्षा केन्द्रों को बनाए जाने का कार्य शुरू हो गया है। डीआईओएस द्वारा पहली सूची तैयार कर ली है, इसमें 330 विद्यालयों को शामिल किया गया है। इस सूची में भी शामिल होने के लिए स्कूल संचालकों को जमकर पापड़ बेलने पडे़। अब समस्या उनके सामने हैं, जो आस लगाए बैठे थे, लेकिन उनका प्रथम सूची में नाम शामिल नहीं हो पाया।

नहीं छोड़ी आशा

ऐसे कॉलेज संचालक जो इस वर्ष परीक्षा केन्द्र को लेकर अधिक उत्सुक थे, और उनके विद्यालय का नाम प्रथम सूची में शामिल नहीं हैं, उनके द्वारा अभी तक आस नहीं छोड़ी गई है। अब उनके द्वारा अपने स्तर से जुगाड़ लगाई जा रही है। पिछले वर्ष 349 परीक्षा केन्द्र बनाए गए थे। इस वर्ष हाईस्कूल

और इंटरमीडिएट में विद्यार्थियों की संख्या भी अधिक है, जिसके चलते उम्मीद जताई जा रही है, कि केन्द्रों की संख्या 380 के आसपास रहेगी। इस हिसाब से अभी 50 परीक्षा केन्द्र और बनाए जा सकत हैं।

25 फीसद बढ़ी बोली की रकम

इस वर्ष परीक्षा केन्द्र बनाए जाने के लिए बोली की रकम भी बढ़ गई है। पिछले वर्ष जो परीक्षा केन्द्र बनाए गए थे, उनसे इस वर्ष परीक्षा केन्द्र बनाने के लिए दो लाख रुपये तक लिए गए हैं, वहीं इस वर्ष जो नए स्कूल परीक्षा केन्द्रों की सूची में शामिल किए जा रहे हैं, उनके रेट चार लाख रुपये तक पहुंच चुके हैं। वहीं अब बोली लगना जो शुरू हुई है, वो इन 50 परीक्षा केन्द्रों की रिक्त जगह के लिए है। सामान्य में दो से चार लाख रुपये तक का खेल चला है। सूत्रों की मानें तो इन 50 परीक्षा केन्द्र में शामिल होने के लिए बोली की रकम सात लाख रुपये तक पहुंच चुकी है। कुछ ने तो इसे प्रस्टेज इसू बना लिया है।

डीआईओएस में दिख

रही सत्ता की हनक

परीक्षा केन्द्र बनाने के लिए डीआईओएस कार्यालय में सत्ता की हनक भी दिखाई देना शुरू हो गई है। मंगलवार को डीआईओएस कार्यालय आधा अधूरा खुला था, कि अवकाश अचानक रद्द होने की सूचना ठीक प्रकार प्रसारित नहीं हो सकी, जिसके चलते कई कर्मचारी गायब थे, वहीं अधिकारी भी नहीं बैठे थे, इसके बावजूद सत्ताधारी दल के झंडे को फहराती हुई गाडि़यों के डीआईओएस कार्यालय आने जाने का सिलसिला जारी दिखाई दिया।

कोड वर्ड में होती है बातें

डीआईओएस कार्यालय में एक नया टे्रंड दिखाई दिया। वह है कोड व‌र्ड्स का। एक स्कूल संचालक और बाबू के बीच होती हुई बात सुनी, तब इस मामले का खुलासा हुआ। बातचीत कुछ इस प्रकार थी, कि नए कनेक्शन का रेट क्या चल रहा है। बाबू ने कहा कि ज्यादा नहीं, पुराने से थोड़ा बढ़ा है, मात्र 25 परसेंट। फिर दूसरे व्यक्ति ने पूछा रिचार्ज का क्या हिसाब-किताब चल रहा है, तो बाबू ने बताया कि बढ़ोत्तरी दोनों मामलों में इतनी हुई है। अब इन बातों का सही अर्थ निकालने के लिए एक सूत्र से बात की गई, तो उसने बताया नया कनेक्शन यानि नए कॉलेज का परीक्षा केन्द्र बनाने का रेट, वहीं रिचार्ज कराने का मतलब, पिछले वर्ष भी जो कॉलेज परीक्षा केन्द्र रहे थे, उनको दोबारा परीक्षा केन्द्र बनाया जाना।