फिरोजाबाद स्टेशन पर खड़ी रहे तेजस एक्सप्रेस, टूंडला पर रांची राजधानी

तीन राजधानी, एक शताब्दी समेत आधा दर्जन से ज्यादा ट्रेंने खड़ी रहीं

फिरोजाबाद। नई दिल्ली से पटना जा रही बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस की चपेट में सांड के आने के बाद डाउन ट्रैक का रेल यातायात थम गया। दो घंटे से ज्यादा समय तक कोई गाड़ी नहीं निकल सकी। तेजस एक्सप्रेस को फिरेाजाबाद स्टेशन और रांची राजधानी को टूंडला स्टेशन पर रोक दिया गया। इसके अलावा तीन राजधानी, एक शताब्दी समेत आधा दर्जन से ज्यादा ट्रेनें अलग-अलग स्टेशनों और आउटर पर खड़ी रहीं। इसके चलते यात्रियों में खलबली मची रही।

सोमवार शाम 5.25 बजे बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस ने फिरोजाबाद स्टेशन पार किया। लगभग नौ किमी आगे गेट नंबर 60 के नजदीक एक सांड ट्रेन की चपेट में आ गया। इसके चलते ट्रेन के इंजन में खराबी आ गई और इंजन के पहिए जाम हो गए। इसके पीछे आ रही अनन्या एक्सप्रेस और विक्रमशिला एक्सप्रेस को आनन-फानन में आसफाबाद और पैमेश्वर गेट पर रोक दिया गया। इसके पीछे देश की पहली निजी ट्रेन तेजस एक्सप्रेस व राजधानी ट्रेनें आ रहीं थी। इसकी सूचना मिलते ही कंट्रोल रूम में खलबली मच गई। आनन-फानन में ट्रेनों को रोकने के लिए आदेश जारी किए गए। तेजस एक्सप्रेस को फिरोजाबाद रेलवे स्टेशन पर रोक दिया गया। इसके अलावा रांची राजधानी टूंडला, पटना राजधानी बरहन स्टेशन पर रोकी गई। इसके पीछे अन्य स्टेशनों पर ट्रेनों को रोक दिया गया। तेजस के रुकने के बाद आरपीएफ के जवान प्लेटफार्म पर पहुंच गए। टूंडला कंट्रोल रूम ने दूसरे इंजन भिजवाया। शाम लगभग साढ़े सात बजे तक संपर्क क्रांति एक्सप्रेस का इंजन बदलवाकर रवाना किया गया। इसके बाद ट्रेनों को एक-एक करके निकाला गया। निजी ट्रेन तेजस एक्सप्रेस 6.26 बजे से 7.37 बजे तक फिरोजाबाद स्टेशन पर ही खड़ी रही। आरपीएफ के जवान सुखवीर, रविराय, रामनरेश प्लेटफार्म पर तैनात रहे। स्टेशन मास्टर धर्मेंद्र यादव का कहना है कि जानवर कटने के कारण डाउन ट्रैक प्रभावित रहा। अप लाइन की गाडि़यां आती रहीं।

ये ट्रेनें हुई प्रभावित।

बिहार संपर्क क्रांति, तेजस एक्सप्रेस, रांची राजधानी, पटना राजधानी, कोलकाता राजधानी, सियालदाह राजधानी, लखनऊ शताब्दी। पूर्वा एक्सप्रेसच् लिच्छवी एक्सप्रेस, जनसाधारण एक्सप्रेस, अनन्या एक्सप्रेस।

बेचैन रहे यात्री, लेते रहे जानकारी

आउटर और बीच रास्ते में अंधेरे में ट्रेनों के खड़े रहने से यात्री बेचैन रहे। कई यात्री कोच से उतरकर गार्ड से ट्रेन के खड़ी होने के बारे में जानकारी लेते रहे। ट्रेन कब चलेगी, यह पता नहीं चल सका।