आगरा(ब्यूरो)। सदर तहसील के पीछे स्थित राजकीय बाल गृह के तीन वीडियो मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। इस वीडियो में सुपरिटेंडेंट एक पलंग पर लेटी बच्ची को चप्पलों से पीट रहीं थीं वहीं उनके साथ एक और आया खड़ी हुई दिखाई दे रही थी। इसके अलावा जो दूसरा वीडियो वायरल हुआ है उसमें कुछ बच्चे एक दूसरे बच्चे को गद्दे पर इधर से उधर ले जाते हुए दिख रहे हैं। तीसरे वीडियो में एक बच्चे के हाथ-पैर बंधे दिखाई दे रहे थे।

तीन वीडियो हुए थे वायरल

तीनों वीडियो सामने आने के बाद डीएम ने गंभीरता से लेते हुए जिला प्रोबेशन अधिकारी (डीपीओ) और सिटी मजिस्ट्रेट को जांच के लिए बाल गृह भेजा था। अधिकारियों ने बच्ची की पिटाई की पुष्टि करते हुए रिपोर्ट महिला कल्याण निदेशालय को भेजी थी, इसके बाद सुपरिटेंडेंट पूनम पाल को निलंबित कर दिया गया था।

डीपीओ पहुंचे बाल गृह
महिला बाल कल्याण मंत्री बेबी रानी मौर्य और मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने बुधवार को मामले को गंभीरता से लेते हुए मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए। बुधवार सुबह से ही डीपीओ बाल गृह पहुंच गए। मुकदमा दर्ज कराने से संबंधित कार्रवाई को पूरा किया। लिपिक शिव कुमार ने शाहगंज थाने में सुपरिटेंडेंट पूनम पाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। वहीं डीपीओ अजय पाल ङ्क्षसह ने बताया कि लिपिक शिव कुमार को अधीक्षक का प्रभार दिया गया है। जांच जारी है।

पालनहार मां मीना पहुंची बाल गृह
बच्ची की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद उसे देख पालनहार मां मीना बुधवार को डीएम कार्यालय पहुंच गईं। उन्होंने दावा किया कि जिस बच्ची की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ है, वह उनकी बेटी है। जिसे उन्हें किन्नर दे गया था। इसके बाद उन्होंने पाल-पोसकर बढ़ा किया। कानूनी प्रक्रिया के बाद बच्ची शिशु गृह में रह रही है। उन्होंने प्रार्थना पत्र देकर बेटी से मुलाकात कराने की गुहार लगाई। इसके बाद मीना अपनी बेटी और बेटे के साथ शिशु गृह भी पहुंचीं और दो घंटे तक बैठी रहीं। कर्मचारियों ने मुलाकात नहीं कराई।

दोष साबित होने पर पांच साल की सजा और जुर्माना
सुपरिटेंडेंट पूनम पाल के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इसमें दोष सिद्ध होने पर पांच साल की सजा और एक लाख रुपए जुर्माना है। सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस ने बताया कि सुपरिटेंडेंट द्वारा किया गया अपराध अधिक गंभीर है क्योंकि उन पर अनाथ बच्चों की देखरेख की जिम्मेदारी थी। उन्होंने जिलाधिकारी के यहां बुधवार को किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 और 80 के तहत अभियोग दर्ज करने को लेकर प्रार्थना पत्र दिया।

बाल गृह पहुंचे जिला जज और न्यायिक अधिकारी
जिला जज विवेक संगल, आश्रय गृह निरीक्षण समिति की अध्यक्ष नसीमा खानम, सदस्य कनिष्क ङ्क्षसह, डॉ। दिव्यानंद द्विवेदी, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मृत्युंजय कुमार, मयूरेश श्रीवास्तव, भव्या श्रीवास्तव ने बुधवार दोपहर बाल गृह का औचक निरीक्षण किया। डीपीओ से बच्ची की पिटाई के मामले की जानकारी ली। न्यायिक अधिकारी यहां एक घंटे से अधिक समय तक रहे।