आगरा। एनएच-2 सिकंदरा से खंदारी के बीच सड़क खूनी हो चुकी है। यहां पिछले 14 घंटे के भीतर दर्दनाक सड़क हादसे में 12 लोग अपनी जान गवां चुके हैं। इसका कारण दैत्याकारी गाडि़यों की तेज रफ्तार को माना जा रहा है।

निर्माण पर खड़े हो रहे सवाल

कहीं न कहीं इन मौतों के पीछे खंदारी ओवरब्रिज के निर्माण पर भी सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं। क्योंकि ओवरब्रिज टीपी नगर से लायर्स कॉलोनी तक बनाया गया है। इससे गाडि़यों की रफ्तार बढ़ गई है, लेकिन आईएसबीटी चौराहा (इंटर स्टेट बस टर्मिनल) के पास जहां चौतरफा ट्रैफिक दबाव रहता है, पर वहां ओवरब्रिज को पास करने वाली गाडि़यों कीरफ्तार को रोकने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं।

ब्रिज बनने से स्पीड बढ़ी

शहरवासियों को बड़े वाहनों के ट्रैफिक दबाव से राहत देने के लिए खंदारी ओवरब्रिज तैयार किया गया। इसे फरवरी के अंतिम सप्ताह में वाहनों के लिए खोल भी दिया गया। इसके बाद से दोनों तरफ से गाडि़यों की रफ्तार बढ़ गई है। ब्रिज के खुलने के बाद अब तकनीकि खामियां नजर आने लगी है। दरअसल आईएसबीटीआई चौक को ओवरब्रिज के दायरे में नहीं लिया गया है। जबकि यहां बस स्टैंड और ट्रांसपोर्ट नगर होने के कारण हमेशा ही दोनों ओर से ट्रैफिक दबाव रहता है। वहीं ओवरब्रिज चढ़ने और उतरने वाली गाडि़यां फर्राटा भरती गुजरती हैं। इससे चौक के आसपास का इलाका दुर्घटना बाहुल्य होता जा रहा है।

बस स्टैंड के कारण दबाव

आईएसबीटीआई के कारण रोडवेज बसों का 24 घंटे आना-जाना रहता है। इसके साथ ही ऑटो और प्राइवेट वाहन भी यात्रियों को लाने-ले-जाने के लिए आते-जाते रहते हैं। इससे बड़ी संख्या में गाडि़यों का दबाव रहता है।

ये हैं एनएच के खतरे

- एनएच के डिवाइडर में जगह-जगह ब्लाइंड कट बना दिए हैं।

- सड़क के दोनों ओर सर्विस लेन नहीं, सड़कों पर गढ्डे भी हैं।

- डिवाइडर्स की केबल सड़कों पर खुली पड़ी हैं

- एनएच पर ट्रैफिक सिग्नल नहीं लगाए गए हैं