- कानपुर में कोल्ड स्टोरेज में बड़ा हादसा, अमोनिया रिसाव

- आगरा के कोल्ड स्टोरेज में भी नहीं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

आगरा। कानपुर के शिवराजपुर, मणिपालपुर में बुधवार को हुए अमोनिया गैस रिसाव ने जिले के कोल्ड स्टोरेज की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनपद में कोल्ड स्टोरेज की सुरक्षा को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा लापरवाही बरती जाती है। बिना निरीक्षण किए ही रिन्यूअल कर दिया जाता है।

एक की मौत, 40 फंसे

कानपुर में हुए हादसे में कोल्ड स्टोरेज की बिल्डिंग भर-भराकर गिर पड़ी। गैस रिसाव से एक की मौत हो गई, जबकि 40 से अधिक लोग गैस रिसाव में फंस गए। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए एनडीआरएफ की टीम को लगाया गया। जिले में भी तकरीबन 240 कोल्ड स्टोरेज हैं। नियमानुसार आलू भंडारण से लेकर निकासी से पहले और बाद में कोल्ड स्टोरेज में मानकों के निरीक्षण का प्रावधान है, लेकिन न तो उद्यान विभाग के अधिकारी और न ही अग्निशमन विभाग के अधिकारी कोल्ड स्टोरेज का निरीक्षण करते हैं। हर बार रिपोर्ट बनाकर भेज दी जाती है। इसके आधार पर ही उनका वार्षिक रिन्यूअल होता है। दोनों विभाग संयुक्त रूप से एनओसी देते हैं।

खतरे में जिंदगी

उद्यान विभाग की लापरवाही से लाखों की आबादी खतरे के मुहाने पर है। कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। बावजूद इसके उद्यान विभाग के जिम्मेदार अधिकारी और प्रशासन चुप्पी साधे बैठे हैं। ये हाल तब हैं जबकि पूर्व में कई बार कोल्ड स्टोरेज में अमोनिया गैस के रिसाव होने से दहशत फैली है।

ठेकेदारी पर होता है रिन्यूअल का काम

जिले में कोल्ड स्टोरों के रिन्यूअल का काम ठेकेदारी पर किया जाता है। कोल्ड स्टोरेज संचालकों की एक एसोसिएशन बनी हुई। एक कोल्ड स्टोरेज के लिए शासन द्वारा 10 हजार रुपये की फीस निर्धारित है। एसोसिएशन ही रिन्यूअल का काम पूरा कराती है। इनमें मानकों से कोई सरोकार नहीं है। विभाग द्वारा कोल्ड स्टोरेज में रिन्यूअल का काम आंख बंदकर किया जाता है। इसमें बिना निरीक्षण कराए चार्टड सिविल इंजीनियर और मैकेनिक इंजीनियर से घर बैठकर प्रमाण पत्र बनवा लिया जाता है।