-बाहर से आए लोगों की सैंपलिंग में आ रही मुश्किल

-सिटी में कोरोना संक्रमण का लगातार बढ़ रहा खतरा

देहरादून। कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर राजधानी के बॉर्डर पर लगातार सैंपलिंग और जांच का दावा किया जा रहा है। बॉर्डर पर बसों को भी रोका नहीं जा रहा है। जिससे बसों में बैठी सवारियों की सैंपलिंग हो सके। आईएसबीटी पहुंचते-पहुंचते सवारियां एक तिहाई से भी कम रह जाती हैं। बीते कुछ दिनों में प्रदेश में डेल्टा प्लस वेरिएंट मिलने के बाद से अलर्ट जारी किया गया है। जिसे लेकर सैंपलिंग को लेकर सर्तकता और बढ़ा दी गई है। बाहर से आने वाले हर व्यक्ति की सैंपलिंग की जा रही है।

यहां हो रही सैंपलिंग

आशारोड़ी चैक पोस्ट

आईएसबीटी

कुल्हाल बॉर्डर

दर्रा रैली

रेलवे स्टेशन

दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल

कोरोनेशन हॉस्पिटल

सीएचसी व पीएचसी सेंटर

आशारोड़ी पर हो रही खानापूर्ति

जानकारी करने पर पता चला कि आशारोड़ी बॉर्डर पर सैंपलिंग ही नहीं हो रही है। बॉर्डर पर गाडि़यों को रोका नहीं जा रहा है। केवल कुछ गाडि़यों को रोक करसैंपलिंग की खानापूर्ति कर ली जाती है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने जब इस मामले की पड़ताल की तो मामला सामने आया। हेल्थ विभाग के अधिकारियों के अनुसार यहां गाडि़यां न रोके जाने के कारण सैंपलिंग कम हो रही है।

आईएसबीटी से पहले ही उतर जाते हैं पैसेंजर

दून में बाहर से आने वाले व्यक्तियों की बॉर्डर पर सैंपलिंग होती है। लेकिन आशा रोड़ी चैक पोस्ट पर बसों को रोका ही नहीं जाता है, ताकि इन बसों में आने वाले पैंसेंजर की जांच आईएसबीटी पर हो सके। लेकिन आईएसबीटी में पहुंचने से पहले ही इन बसों में बैठी आधी से ज्यादा पैसेंजर उतर जाते हैं। आईएसबीटी तक पहुंचते पहुंचते बसों में केवल 10-15 पैसेंजर ही रह जाते हैं। ऐसे में जो सवारी रास्ते में उतर जाती है। उनकी सैंपलिंग नहीं हो पाती। जिससे उनका कोई रिकॉर्ड विभाग के पास नहीं होता है।

आशारोड़ी पर सैंपलिंग

1 सितम्बर - 305

2 सितम्बर - 499

3 सितम्बर - 506

4 सितम्बर - 618

5 सितम्बर - 584

6 सितम्बर - 449

7 सितम्बर - 517

आईएसबीटी पर सैंपलिंग

1 सितम्बर - 998

2 सितम्बर - 1098

3 सितम्बर - 892

4 सितम्बर - 941

5 सितम्बर - 936

6 सितम्बर - 1213

7 सितम्बर - 727

आईएसबीटी पहुंचते हैं करीब 10,000 पैसेंजर

आईएसबीटी के अधिकारियों के अनुसार रोजाना अन्य राज्यों से आईएसबीटी में 10 हजार से ज्यादा पैसेंजर पहुंचते हैं। जबकि आईएसबीटी से रोजाना सैंपलिंग 1000 से 1200 लोगों की ही हो रही है। दावा किया जाता है कि इनमें से 20 परसेंट लोग ऐसे होते हैं जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लगी होती है। ऐसे में उनकी सैंपलिंग नहीं होती है।

हमारी टीम आईएसबीटी में सभी पैसेंजर को रोककर सैंपलिंग करती है। आईएसबीटी तक कम ही सवारियां पहुंचती हैं। ऐसे में अधिक लोगों की सैंपलिंग होना संभव नहीं है।

अभिषेक, संचालक अंजली लैब

आशारोड़ी चैक पोस्ट पर सभी गाडि़यों को रोक कर सवारियों की जांच के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन बसों की सवारियों को नहीं रोका जाता है। जिससे पैसेंजर की सैंपलिंग आईएसबीटी पर हो सके, लेकिन सवारियों को बाहर उतारना मना हैं।

डॉ। मनोज उप्रेती, सीएमओ, देहरादून