आगरा। मार्क्सशीट पर साइन करने के लिए कुलपति ने अभी किसी बाबू की नियुक्ति नहीं की है, ऐसे में कैसे मार्क्सशीट दी जा सकती है। डॉ। भीमराव आम्बेडकर यूनिवर्सिटी में बाबुओं की जुबान पर ये बहाना आम बात है। बाबू जहां स्टूडेंट्स को परेशान करते हैं, वहीं उनसे सुविधा शुल्क वसूलने के बाद तत्काल मार्क्सशीट थमा देते हैं।
चार महीने से लगा अधिकारियों के चक्कर
एलएलबी सत्र 2018 की मार्क्सशीट के लिए भरतपुर के रहने वाले कीर्ति सिंह चार महीने से विवि के चक्कर लगा रहे हैं। पीडि़त स्टूडेंट्स ने चार महीने अधिकारियों के चक्कर लगाने के बाद एकबार फिर पटल प्रभारी बीबी दुबे से संपर्क किया, तो उन्होंने सुविधा शुल्क की ओर इशारा किया। पीडि़त स्टूडेंट्स अपने भविष्य को ध्यान में रख सुविधा शुल्क देने को तैयार हो गया। इस पर एलएलबी प्रभारी ने रोल नंबर 16694051040, 1706941061008, 1806941071006 की तीनों मार्क्सशीट शनिवार को जारी कर दीं।
वीसी करता है नियुक्त
विवि में प्रोफेशनल कोर्सेस की डिग्री पर मार्क्सशीट पर साइन करने के लिए वीसी द्वारा किसी अफसर या बाबू को अधिकृत किया जाता है। लेकिन, पिछले तीन महीने से वीसी द्वारा किसी को अधिकृत नहीं किया गया है। वहीं, एग्जाम कंट्रोलर राजीव चौधरी और कुलसचिव केएन सिंह ने बताया कि इस संबंध में कुलपति डॉ। अरविन्द दीक्षित से बात की गई है, जल्द ही हस्ताक्षर के लिए पत्र लिख इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी।
वसूली का बना लिया जरिया
विवि में प्रोफेशनल कोर्सो की मार्क्सशीट लगभग पटलों पर पहुंच चुकी है। लेकिन हस्ताक्षर के अभाव में वह मार्क्सशीट स्टूडेंट्स तक नहीं पहुंच रहीं हैं। पटल बाबू ने इसे वसूली का जरिया बना लिया है।
प्रोफेशनल कोर्स के लिए कुलपति द्वारा पत्र जारी कर अधिकारियों को नामित किया जाएगा, इसके बाद ही मार्क्सशीट स्टूडेंट्स को जारी की जाएंगी।
केएन सिंह, कुलसचिव