- कोविड हॉस्पिटल जाने से कतरा रहे मरीज

- हेल्थ डिपार्टमेंट से लगा रहे गुहार

- 4 दिन में 47 पेशेंट्स हो चुके हैं होम आइसोलेट

- बिना लक्षण वाले मरीज हो सकते हैं होम आइसोलेट

आगरा। कोरोना के एसिंप्टोमेटिक पेशेंट्स के लिये आगरा में होम आइसोलेशन की सुविधा शुरू हो गई है। यानि आप कोरोना संक्रमित हैं और आपमें कोई लक्षण नहीं है तो आप होम आइसोलेट भी हो सकते हैं.इसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं। कोरोना का संक्रमण होने पर लोग खुद हेल्थ डिपार्टमेंट से कह रहे हैं कि उन्हें होम आइसोलेट कर दिया जाए। आगरा में अब तक 47 कोरोना पेशेंट्स को होम आइसोलेट किया जा चुका है।

टीम इंस्पेक्शन के बाद लेगी निर्णय

होम आइसोलेशन के लिये हेल्थ डिपार्मेंट की टीम आपके यहां पर आकर इंस्पेक्शन करेगी। उनके मानकों के अनुसार पेशेंट की देखरेख के लिये एक फैमिली मेंबर होना जरूरी है। रैपिड रिस्पॉन्स टीम उस व्यक्ति को जरूरी बातें बताएगी और हेल्थ डिपार्मेंट से टच में रहने के लिये कहेगी। इसी आधार पर होम आइसोलेशन की सुविधा दी जा रही है। होम आइसोलेशन के लिये जरूरी नियम और शर्तो का पालन करने के साथ पेशेंट को एक शपथ पत्र भी मुख्य चिकित्सा आधिकारी के नाम से देना होता है। इसमें होम आइसोलेशन में नियम एवं शर्तो का पालन करने के लिए लिखित में देना होगा। पहले टीम घर आकर परीक्षण करेगी इसके बाद परिवार के एक सदस्य को देखभाल के लिये ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके बाद होम आइसोलेशन की सुविधा दी जा रही है।

होम आइसोलेशन के लिये ये होना जरूरी

-मरीज की 24 घंटे देखभाल के लिए घर के ही एक व्यक्ति का होना जरूरी

-घर में दो शौचालय होना जरूरी है।

-होम आइसोलेशन के लिए मरीज का कमरा और शौचालय अलग हो।

कौन से पेशेंट ले सकते हैं होम आइसोलेशन की सुविधा

-जिस व्यक्ति में लक्षण नहीं हैं उसे डॉक्टर चिह्नति करेंगे और उन्हीं को होम आइसोलेशन की सुविधा दी जा रही है।

-जिन पेशेंट्स की रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी कारणवश कम है वह होम आइसोलेट नहीं किए जाएंगे। इनमें एचआईवी, कैंसर, अंग प्रत्यारोपित, कैंसर का उपचार प्राप्त करने वाले भी शामिल हैं।

-होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज की देखभाल करने के लिए एक व्यक्ति 24 घंटे उपलब्ध हो। संपूर्ण आइसोलेशन अवधि के दौरान देखभाल करने वाले व्यक्ति एवं संबंधित अस्पताल के मध्य संम्पर्क बनाए रखना होगा।

-देखभाल करने वाले व्यक्ति एवं रोगी के नजदीकी को प्रोटोकाल एवं उपचार प्रदान करने वाले डाक्टर के परामर्श के अनुसार हाइड्राक्सीक्लोरोक्वीन प्रोफाइलेक्सिस दवा लेनी होगी।

-आरोग्य सेतु एप मोबाइल पर डाउनलोड कर वाईफाई से एक्टिव रखना होगा। इसके साथ ही दिन में दो बार इस एप पर सूचना को अपडेट करना होगा। स्मार्ट फोन नहीं होने पर रोगी द्वारा कोविड कंट्रोल रूम के फोन नंबर पर अपने स्वास्थ्य की जानकारी देनी होगी।

-स्वास्थ्य विभाग द्वारा विकसित किए गए आइसोलेशन एप को भी मरीज को अपने स्मार्ट फोन पर डाउनलोड करना होगा।

-रोगी को अपने स्वास्थ्य के नियमित अनुश्रवण के दायित्व को स्वीकार करना होगा तथा जिला सíवलांस अधिकारी को इसकी नियमित सूचना देनी होगी।

इन हालातों में पड़ेगी डॉक्टर की जरूरत

-मरीज को सांस लेने में कठिनाई हो रही हो

-मरीज के शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाए

-मरीज के सीने में लगातार दर्द हो रहा हो या फिर भारीपन हो

-मानसिक भ्रम की स्थिति अथवा सचेत होने में असमर्थता

-मरीज को बोलने में समस्या आने लगे

-मरीज के चेहरे या किसी अंग में कमजोरी

- होठ या चेहरे पर नीलापन हो

पेशेंट्स को रखना होगा इन बातों का ध्यान

-रोगी को हर समय ट्रिपल लेयर मास्क पहनना होगा। मास्क को आठ घंटे के प्रयोग के बाद अथवा गीला या गंदा दिखने पर बदलना होगा।

- इस्तेमाल मास्क को एक प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट घोल से विसंक्रमित करने के बाद ही निस्तारित करना होगा।

-रोगी को अपने घर के पूर्व चिह्नित कमरे में ही रहना होगा

होम आइसोलेशन के लिये रैपिड रिस्पॉन्स टीम संक्रमित के घर पर जाकर निरीक्षण करती है। पेशेंट के लिये अलग वॉशरूम और अलग कमरा होने के साथ मानकों का पूरा होने पर होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाती है। पेशेंट की देखरेख के लिये एक फैमिली मेंबर को जरूरी बातें बताई जाती हैं। टीम लगातार पेशेंट की सेहत को ट्रेक करती रहती है।

-डॉ। आरसी पांडेय, चीफ मेडिकल ऑफिसर