- बैंक और एटीएम से हो रहा हर दिन ट्रांजेक्शन

- 4 दिनों में 20 लाख से ज्यादा कर चुके बैंकिंग

आगरा। नोटबंदी के बाद पांच दिनों में लाखों लोग बैंकों और एटीएम से ट्रांजेक्शन कर चुके हैं। एक अनुमान के मुताबिक जिले की आधी आबादी बैंकों तक पहुंच चुकी है। इसके बाद भी बैंकों में भीड़ कम नहीं हो रही है। ये प्रशासन के लिए चुनौती बन चुकी है। कुछ कारणों को रोकने के इंतजाम भी कर लिए गए हैं। इसके बाद का असर अब दो दिन बाद देखने को मिलेगा।

बढ़ती जा रही लाइन

नोटबंदी के बाद 500-1000 के नोट एक्सचेंज और राशि जमा करने के लिए जिले की 450 से अधिक बैंकों में लंबी लाइन लग रही है। एक अनुमान के अनुसार छोटी बैंकों में 600-700 लोग ट्रांजेक्शन के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं, बड़ी बैंकों में संख्या 2000 तक पहुंच गई है। इस औसत के अनुसार हर बैंक से लगभग 900 लोग बैंकों से ट्रांजेक्शन हो रहा है। इस हिसाब से 4.50 लाख लोग हर रोज बैंकिंग की सेवा ले रहे हैं और पिछले पांच दिनों में 22 लाख 50 हजार लोग लेन-देन कर चुके हैं।

टेंशन में है जिला प्रशासन

वहीं, जिले की आबादी 43 लाख है। इसमें 15 साल से कम आयु की संख्या करीब 13 लाख है और 30 लाख लोग बैंकों तक पहुंच सकते हैं। इन पांच दिनों के आंकड़ों में नजर डाले, तो 75 प्रतिशत लोग बैंकों तक पहुंच चुके हैं, अब महज 25 प्रतिशत आबादी यानी सात लाख लोग ही ट्रांजेक्शन करने के लिए बचे हैं। ऐसे में बैंकों में भीड़ कम होनी चाहिए, लेकिन यह लगातार बढ़ती जा रही है। इसे लेकर शासन से लेकर जिला प्रशासन तक परेशान है।

चुनाव की तर्ज पर लगा रहे स्याही

शासन ने निर्णय लिया है कि नोट एक्सचेंज करने वालों की उंगली में चुनाव की तरह ही उंगली में स्याही लगाई जाएगी, जिससे एक व्यक्ति एक बार ही ट्रांजेक्शन कर सके। इसके पीछे तर्क है कि एक ही व्यक्ति कई बार नोट एक्सचेंज की लाइन में लग रहा है। स्याही लगने के बाद व्यक्ति की पहचान आसानी से कर ली जाएगी।