- क्लब 35 प्लस ने महिलाओं को किया जागरूक
- मीनोपॉज के खतरों के साथ ही बताए लक्षण भी
AGRA। जिन महिलाओं की कम उम्र में ही कई सर्जरीज हो चुकी हैं, उन्हें सचेत रहने की जरूरत है। कम उम्र में ही ज्यादा ऑपरेशंस महिलाओं की बॉडी सिस्टम को खराब कर देते हैं। इसी वजह से अब महिलाओं में कम उम्र में ही मीनोपॉज की समस्या देखने को मिल रही है।
ज्यादा ऑपरेशंस यानि खतरा
क्लब फ्भ् प्लस द्वारा होटल रेडीसन ब्लू में आयोजित गोष्ठी में डॉक्टर्स ने बताया कि आज के समय में महिलाएं ओवरीज और यूटरस की हर समस्या के लिए ऑपरेशन कराती हैं। उससे वो समस्या तो खत्म हो जाती है लेकिन मीनोपॉज जल्दी हो जाता है, जिससे अन्य तमाम समस्याएं खड़ी हो जाती हैं। इसके अलावा अब जेनेटिक कारणों से भी प्री मेच्योर मीनोपॉज हो रहा है। मीनोपॉज का मुख्य कारण ओवरीज की उम्र में परिपक्वता आना है। गौरतलब है कि ओवरीज में से फीमेल हॉरमोन्स का प्रॉडक्शन होता है। जब ये हॉरमोन्स कम प्रोड्यूस होते हैं, तो महिलाओं के शरीर व जीवन में भी बदलाव साफ देखने को मिलते हैं
क्या होते हैं बदलाव
मीनोपॉज की उम्र आने के साथ बॉडी में हॉर्मोन का लेवल कम होता जाता है। ऐसे में एस्ट्रोजन की मात्रा भी कम होती जाती है, जो फेमिनिन फिगर, स्किन टिश्यू व ब्लड वेसल्स को हेल्दी रखने, सेक्स की इच्छा, कॉलेस्ट्रोल लेवल को कम रखने वगैरह के लिए जिम्मेदार होता है। यानी इस हॉर्मोन के कम होने से उम्र से जुड़ी समस्याएं मसलन दिल की बीमारी, ऑस्टियोपोरोसिस, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और यहां तक अल्जाइमर डिजीज तक हो जाती है।
मीनोपॉज में आती हैं यह दिक्कतें
- मीनोपॉज के बाद महिलाओं में जोड़ों में दर्द या जकड़न की समस्या आम देखी जाती है क्योंकि इस दौरान कैल्शियम की कमी या एक्सर्साइज न करने से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इससे फ्रैक्चर की आशंका बढ़ जाती है।
आंकड़ों का खेल है
इस मीटिंग में बताया गया कि आंकड़े कहते हैं कि फिलहाल भारत में लगभग 8ब् लाख महिलाएं ऐसी हैं, जिनकी उम्र ब्भ् साल से ऊपर है और वे मीनोपॉज की कष्टदायक स्थिति झेल रही हैं। यही नहीं, रिपोर्ट्स से यह भी साफ हुआ है कि भारत की फ्0 लाख महिलाएं ओस्टियोपोरोसिस से ग्रसित हैं।
मीनोपॉज के लक्षण
- अनियमित, कम या अधिक मात्रा में रक्तस्त्राव होना
- मूड में परिवर्तन
- बैचेनी रहना
- नींद न आना
- चिड़चिड़ापन या बातों को भूल जाना
- गुस्सा व उत्तेजना
- शरीर के वजन में बढ़ोतरी
-त्वचा में बदलाव
- बालों का झड़ना
- योनि में सूखापन
- यूरिनल डिसऑडर्स
- बहुत पसीना आना
मीनोपॉज के खतरे
- सर्वाइकल कैंसर
- शरीर की हड्डियों का कमजोर हो जाती हैं।
- ऐसा भी देखने में आया है कि मीनोपॉज के बाद महिलाओं में हार्ट अटैक व ब्रेन डिसऑर्डर के खतरे बढ़ जाते हैं।
हेल्दी डाइट
इस दौरान विटामिन सी, डी और बीटा कैरोटीन भरपूर लेना चाहिए। खाने में फैट-फ्री दूध, पनीर, ब्रोकली, बींस, गाजर, पपीता, पालक, अंडा, अखरोट, सेब, चेरी, ग्रीन टी आदि शामिल करने चाहिए। मीनोपॉज के बाद लाइफस्टाइल ठीक करें। महिला को ऐसे काम करने चाहिए, जिनमें शारीरिक मेहनत हो, जैसे डांस, बागवानी, चलना आदि। वजन कम करना बहुत जरूरी है।
मीटिंग में इन पर भी हुई चर्चा
मीटिंग की मुख्य अतिथि यूके से आई डॉ। मेरिएन लम्सडेन थीं। उन्होंने उपस्थित महिलाओं को बताया कि फ्भ् साल की उम्र के बाद महिलाओं को अपना ध्यान किस तरह रखना चाहिए। आशिता बत्रा ने एजलॉक पर बात की तो रेनुका डंग ने स्किन ग्लो करने के टिप्स दिए। सरोज प्रशांत ने लड़कियों को बचाने की बात कही।
महिलाओं का हुआ सम्मान
इस दौरान सरोज प्रशांत, वत्सला प्रभाकर, प्रवीन पाटनी, मीनाक्षी पोपली और नीलम मेहरोत्रा का सम्मान किया गया।
यह थे उपस्थित
डा। जयदीप मल्होत्रा, आशु मित्तल, अमित अग्रवाल आदि।