- खेत-खलिहान से लेकर चाय-पान की दुकान पर चुनावी चर्चाओं का बाजार गर्माया

- जातिगत आंकड़ों की गोटियां बिठा रहे

- हाईटेक प्रचार का ले रहे सहारा

AGRA। नामांकन शुरू होते ही मतदान की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। इसके साथ ही हर तरफ चुनावी चर्चाएं गरम होने लगी हैं। इन चुनावों में जाति का गणित भी बिठाते हुए लोगों को देखा जा सकता है। खेत-खलिहान हों या चाय-पान की दुकानें हर तबके का व्यक्ति अपने तरीके से आंकड़े फिट कर सियासी गणित लगाने में लगा हुआ है। श्याना हो चुका वोटर खेत तक पहुंचने वाले किसी भी दल के प्रत्याशी को निराश नहीं करना चाहता है.मुंह देखकर टीका करने वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए सभी को यही दिलासा दिलाया जा रहा है, कि यहां तो आप ही मैदान मारेंगे। यहां के तो तुम ही सिकंदर हो। चुनावी सीजन में क्या आगरा लोकसभा क्षेत्र और क्या फतेहपुरसीकरी सभी जगह वायदों की फसल खूब लहलहा रही है। प्रत्याशी अपनी जीत को लेकर जितने जिज्ञासू हैं, उतने ही उतावले सिटी और देहात के लोग है। मौका मिला नहीं शुरू हो जाते हैं। हार-जीत का गणित लगाने गांव-गांव चुनावी चर्चाएं शबाब पर हैं.कहीं जातिवाद हावी है, तो कहीं विकास को तरजीह देते ग्रामीण मतदाता जातिवाद की खुलकर आलोचना कर रहे हैं।

हर तरफ चुनावी हो रही चुनावी चर्चा

जैसे-जैसे चुनाव की तारीख पास आती जा रही है सियासी चर्चाएं जोर पकड़ने लगी हैं। खेत-खलिहान से लेकर चाय-पान की दुकानों तक लोग चुनावी की चर्चाएं करने में व्यस्त दिखाई दे रहे हैं। गांव की चौपाल हो या खेतों में काम करते किसान हर कोई चुनावी चर्चाएं करने में मशगूल दिखाई दे रहा है। प्रत्याशियों की योग्यता, उनके चुनावी वायदे दूसरे दल के प्रत्याशी पर प्रयोग किए जा रहे सियासी जुमले आदि पर खूब कटाक्ष किए जा रहे हैं। चुनावी क्षेत्र में कौन सा उम्मीदवार कितना समय दे रहा। इस सब बातों को खास तरह से तौला जा रहा है। घर के दरवाजे या खेतों पर वोट मांगने पहुंचने वाले बसपा-कांग्रेस, भाजपा, रालोद और सपा सभी दल के महारथियों को जीत के प्रति आश्वस्त किया जा रहा है।

छुटभैये नेताओं की कट रही चांदी

प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार के बीच छुटभैये नेताओं की मौज हो गई है। ये छुटभैये नेता प्रत्याशी को वोट बढ़ाने का भरोसा देकर उनके खर्चे पर अपने अरमानों को पूरा करने में जुटे हुए हैं। छुटभैया नेताओं की खूब चांदी कट रही है। वे अपने प्रत्याशी को पक्की जीत का भरोसा दिलाने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। क्म् वीं लोकसभा के लिए स्वयंवर रचा रही आगरा की सियासत किस गले के प्रत्याशी में अपनी वरमाला डालेगी, यह तो क्म् मई के बाद ही पता चलेगा।

हाईटेक प्रचार का ले रहे सहारा

अब बैनर-पोस्टर व होर्डिग के दिन लद गए, अब ज्यादातर प्रत्याशी डिजिटल प्रचार का सहारा ले रहे हैं, इसके लिए वे सोशल मीडिया, व्हाट्सअप, यू-टयूब, फेसबुक, टिवटर, बल्क एसएमएस डिफरेंट फोटोज, कार्टून आदि के माध्यम से अपना प्रचार करने में जुटे हुए हैं। आपको बता दें कि पहले प्रत्याशी बैनर पोस्टर होर्डिग के माध्यम से अपना प्रचार-प्रचार किया करते थे। इसके लिए महीनों पहले प्रेस संचालकों को होर्डिग व बैनर बनाने के लिए आर्डर दे दिए जाते थे, लेकिन अब चुनावी प्रचार बहुत हाईटेक हो चुका है। वहीें दूसरी ओर प्रत्याशी एक-दूसरे की छवि को बिगाड़ने में भी लगे हुए हैं।

परंपरागत तरीके भी हैं हावी

आगरा की दोनों लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशी व उनके समर्थक परंपरागत तरीकों से वोट बटोरने में जुटे हुए हैं। इसके लिए आगरा लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशी दिन-रात गांव कस्बे की पगडंडियों का रास्ता नापने में लगे हैं, रात में गांव-कस्बों में रुककर नुक्कड़ सभाएं की जा रही हैं, जिनके पास मल्टीमीडिया एन्ड्रोएड मोबाइल हैं, उन्हें मोबाइल पर संदेश भेजने से फुर्सत नहीं हैं।

आगरा लोकसभा क्षेत्र से प्रमुख दलों के प्रत्याशी

प्रत्याशी का नाम पार्टी का नाम

प्रो.राम शंकर कठेरिया भाजपा

महाराज सिंह धनगर सपा

नारायण सिंह सुमन बसपा

उपेन्द्र सिंह कांग्रेस

रविन्द्र सिंह आम आदमी पार्टी

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फतेहपुरसीकरी लोकसभा क्षेत्र से प्रमुख दलों के प्रत्याशी

प्रत्याशी का नाम पार्टी का नाम

चौ। बाबूलाल भाजपा

पक्षालिका सिंह सपा

सीमा उपाध्याय बसपा

ठा। अमर सिंह रालोद

महावीर सिंह सोलंकी आम आदमी पार्टी

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