लड़का-लड़की ने की आर्य समाज मंदिर में शादी

भेद खुलने पर परिजनों ने लगाई बंदिश, पुलिस अभिरक्षा में भेजे प्रेमी युगल

आगरा। नाई की मंडी थाना क्षेत्र में लड़का लड़की इतने नजदीक आ गए कि दोनों ने समाज की नजरों से छिपकर मंदिर में शादी कर ली। लड़की मंगलसूत्र को ढक कर पहनने लगी लेकिन यह अधिक दिन तक नहीं चला। भेद खुलने पर परिजनों ने बंदिशें लगा दीं। मामला थाने पर जाने के बाद परिवार परामर्श केंद्र चला गया। यहां पर लड़की पक्ष लड़के को पीटने पर आमादा हो गया। पुलिस की सुरक्षा में दोनों को घर पहुंचाया गया।

मंदिर में की दोनों ने शादी

नाई की मंडी में रहने वाला लड़का गिलेट का काम करता है। वहीं पर रहने वाली लड़की से उसके पिछले डेढ़ साल से प्रेम संबंध हो गए। दो महीने पहले दोनों ने आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली। इसके बाद लड़की अपने घर लौट आई लड़का अपने घर चला गया। दोनों फोन पर बात करने लगे। परिजनों ने मिलकर मुलाकात करने लगे।

मंगलसूत्र छिपाकर पहना

लड़की ने मंगलसूत्र धारण किया लेकिन वह उसे परिवार की नजरों से छिपाकर रहती थी लेकिन यह ज्यादा दिन तक नहीं चला। बीस दिन पहले परिवार की निगाह मंगलसूत्र पर पड़ गई। परिजनों ने जब पूछा तो मामला प्रकाश में आया इसी के बाद परिवार ने बंदिशें लगा दीं। लड़की को दिल्ली रिश्तेदारी में भेज दिया। लड़के के खिलाफ थाने धोखा देकर शादी करने में शिकायत कर दी। वहीं लड़के ने भी पत्नी को गायब करने की तहरीर थाने में दी।

परामर्श केंद्र गया मामला

पुलिस ने जब लड़की को बुलाया तो उसने लड़के के खिलाफ बयान दिया। उसने कहा कि वह उसे परेशान करता है। इसके बाद मामला परामर्श केंद्र चला गया। यहां पर दोनों पक्ष की काउंसिलिंग हुई। लड़की ने कहा कि वह मैने इससे शादी की है। वह उसके साथ ही जाएगी। इस पर लड़की के परिजन बिगड़ गए और परामर्श केंद्र के बाहर चले गए।

पुलिस अभिरक्षा में भेजा घर

लड़की के परिजन उनका कहना था कि वह दोनों को मार देंगे। इनका कहना था कि लड़के ने धोखा देकर सब किया है। लड़के वालों का कहना था कि लड़की पक्ष को डेढ़ साल से समझा रहे थे कि लड़की की शादी कर दो लेकिन उन्होने कोई गौर नहीं किया। लड़के के परिजनों ने इस रिश्ते को स्वीकृति दे दी। लड़का लड़का डर से बाहर नहीं आ रहे थे। पुलिस अभिरक्षा में दोनों को घर पहुंचवाया।

दूसरों का किया था फैसला

लड़के के पिता समाज के चौधरी बताए गए हैं। समाज में पहले भी इस तरह के मामले में हुए हैं जिनमें लड़के के पिता ने फैसले करवाए और सजा भी दिलवाई लेकिन वह खुद के बेटे के मामले में फैसला नहीं ले सके और न ही उसे सजा दे पाए।