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न्द्दक्त्रन् (25 छ्वह्वद्य4): सेक्टर दो में सोमवार को सात घंटे तक दहशत और अफरातफरी का आलम रहा। क्लोरीन गैस रिसाव के चलते खौफजदां लोग इधर-उधर पलायन करते दिखे। इधर, क्लोरीन से भरे भारी-भरकम सिलेंडर को पानी में डुबोने और गैस से प्रभावित लोगों का रेस्क्यू ऑपरेशन सात से आठ घंटे तक चलता रहा। इस दौरान जल संस्थान के एक फायरकर्मी समेत छह कर्मचारियों की हालत भी बिगड़ गई।

बार-बार बदलता रहा प्लान

जैसे-जैसे समय बीता गैस का रिसाव तेज होता गया। एरिया के लोग घरों में ताला डालकर भागते देखे गए। सूचना पर पुलिस व फायर विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई। जल संस्थान के कर्मचारी व एसीएम फ‌र्स्ट योगेंद्र कुमार भी पहुंच गए। मौके पर बॉल्व को बंद करना डिसाइड किया, लेकिन इससे सिलेंडर फटने का खतरा बना हुआ था टीम यह रिस्क नहीं ले सकती थी। उसके लिए दूसरी प्लानिंग की तैयारी चलने लगी।

ग्राउंड वॉटर टैंक में डाला सिलेंडर

सिलेंडर की गैस को रोक पाना नामुमकिन हो गया था। गैस तेजी से फैलती जा रही थी। मौके पर निर्णय लिया गया कि सिलेंडर को पानी के टैंक में डुबो दिया जाए। मौके पर जेसीबी व हाइड्रा मशीन भी आ गई। कर्मचारियों ने सिलेंडर को टैंक में डालने की तैयारी कर ली, लेकिन इसके लिए प्रयास करते ही कर्मचारियों की हालत भी बिगड़ गई। कर्मचारियों को वहां से हटाया गया। फायर विभाग व जल संस्थान के विभाग ने जेसीबी व हाइड्रा से सिलेंडर को उठा लिया। वहीं पर ग्राउंड वॉटर टैंक बना हुआ है। दोपहर एक बजे करीब सिलेंडर को टैंक में डाल दिया गया।

भाग निकला जेसीबी का चालक

गैस रिसाव देखकर जेसीबी चालक भी भाग गया। मशीन दूसरे कर्मचारी ने चलाई। एक फायर कर्मी ने बॉल्व बंद करने का प्रयास किया तो उसकी हालत बिगड़ी गई। उसे वहां से हटा दिया। सिलेंडर की गैस कवर करने के लिए चूना नहीं मिला। एक मंदिर से चूना लाकर उस पर डाला गया।

स्वास्थ्य टीम ने डोर-टू-डोर दी दवा

इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एम्बुलेंस व चिकित्सकों की टीम भी मौके पर पहुंच गई। टीम एरिया में डोर-टू-डोर गई। गैस से प्रभावित लोगों को दवा दी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवा दिए जाने के बाद कई लोगों ने राहत मिली। कर्मचारियों का भी स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।

शर्ट उतारकर मुंह पर बांधी

वहां पर एक पार्क भी है। लोग सुबह वहां पर टहलने आते हैं। रोज की तरह सोमवार को भी आए थे लेकिन गैस के चलते उनकी हालत बिगड़ी। कुछ एक को उल्टी हुई। अधिकतर के जलन होने लगी। वहीं, गैस से अपना दम घुटने पर बच्चों ने स्कूल की शर्ट उतारकर अपने चेहरों पर बांध ली थी।