पत्‍‌नी समेत पंचशील आश्रय गृह संचालक नामजद

सिटी मजिस्ट्रेट ने की थी मामले की जांच

आगरा। थाना ताजगंज स्थित पंचशील आश्रय गृह में अनियमितता और संवासिनियों के साथ हो रहे शोषण की जांच आखिरकार अंतिम स्तर पर पहुंच गई है। बुधवार देर रात आश्रय गृह संचालक व उसकी पत्‍‌नी सहित चार पर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज हो गया। पुलिस अब इस मामले से जुड़े लोगों की तलाश कर रही है। मथुरिया अभिलेख लेकर फरार है।

कई बार मिली थीं शिकायतें

सिटी मजिस्ट्रेट रेखा एस। चौहान के आदेश पर जिला प्रोबेशन अधिकारी अमित कुमार ने जांच के बाद तहरीर दी। 21 जून व 23 जून को सिटी मजिस्ट्रेट के आदेश पर एंटी हयूमन ट्रैफिकिंग के निरीक्षक पूरन सिंह मेहरा, रानी लक्ष्मीबाई आशा ज्योति केंद्र प्रभारी उपनिरीक्षक रेखा शर्मा व उप निरीक्षक लक्ष्मी हेजेला ने परिसर में जाकर जांच की थी।

डीपीओ की तहरीर पर मुकदमा दर्ज

जिला प्रोबेशन अधिकारी अमित कुमार ने इस मामले में जांच रिपोर्ट आने के बाद थाना ताजगंज में तहरीर दी है। पुलिस ने मामले में आश्रय गृह संचालक दाऊदयाल मथुरिया व उसकी पत्‍‌नी शारदा के अलावा दो अन्य के खिलाफ बलात्कार, गैर इरादतन हत्या, आदेशों का पालन न करने, अमानत में खयानत, साक्ष्य मिटाने आदि संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

मथुरिया हुआ फरार

पहले भी आश्रय गृह के खिलाफ कई शिकायतें थी। लेकिन आश्रय गृह संचालक ने कभी किसी को भी अंदर नहीं जाने दिया। जब प्रशासन अंदर पहुंचा तो मामला प्रकाश में आ पाया। बताया गया है कि मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद संचालक आश्रय गृह के अभिलेख लेकर फरार है। इस मामले से जुड़े लोग भूमिगत हो गए हैं।

संख्या में की गई थी बढ़ोत्तरी

जांच में पाया गया कि खुला आश्रय गृह, महिला स्वाधार गृह, वृद्ध आश्रम के अभिलेखों में कूट रचना कर बालिकाओं और महिलाओं की संख्या को बढ़ा हुआ दर्शा कर अनाधिकृत रूप से लाभ कमाने का प्रयास हुआ है। उपस्थिति पंजिका व अभिलेखों में ओवर राइटिंग भी पाई गई। जो संवासिनियां अपने गंतव्य को जा चुकी हैं, उनके कागज तैयार नहीं करवाए गए हैं।

कमरे में बंद रख कर की जाती थी मारपीट

जांच में पाया गया कि चार वर्षीय बालिका को बंद कर मारपीट की गई। दो किशोर जिनकी उम्र 10 व 15 वर्ष को कमरे में बंद पाया गया। इनमें से एक किशोर ने अपने घर जाने को बार-बार कहा लेकिन उसे बंधक बना कर रखा। आश्रय गृह की ऊपनी मंजिल पर 13 बालिकाओं को ताले में बंद कर रखा गया। साथ ही इन्हें ठीक से खाना न दिए जाने व संचालक व उसकी पत्‍‌नी द्वारा मारपीट व गाली-गलौज किए जाने की बात सामने आई।

हाथ की नस तक काट चुकी हैं बालिकाएं

मारपीट में आई चोटों का मेडीकल भी नहीं कराया गया। बालिकाएं यहां के उत्पीड़न से इतना परेशान हो चुकी थीं कि अपने हाथ की नस तक काट ली साथ ही आत्म हत्या का भी प्रयास किया। लड़कियों के हाथ में नस काटने के कई निशान पाए गए हैं। दिसंबर 2015 में 11 वर्षीय किशोरी ने संचालक व उसकी पत्‍‌नी के द्वारा मारपीट का आरोप लगाया गया।

पत्रावली में नहीं मिला मृत्यु प्रमाणपत्र

पुलिस जांच में निकल कर आया कि संचालक ने किशोरी का एसएन में दिसम्बर 2015 में मेडीकल कराया व मृत्यु होने पर ताजगंज शमसानघाट पर उसकी दाह संस्कार किया गया। लेकिन उसकी मृत्यु से संबंधित प्रमाणपत्र उसकी पत्रावली में नहीं पाया गया। उसकी मृत्यु 9 दिसम्बर को होने के बाद भी 10 दिसम्बर को बताई व 10 दिसम्बर तक उपस्थिति दर्शाई गई। उसका पोस्टमार्टम भी नहीं कराया गया। उसकी मृत्यु की जानकारी परिवार व जिला प्रशासन को नहीं दी गई। किशोरी की मौत को संदिग्ध बता दिया।

दान का सामान भी हड़पा

जांच में पाया गया कि आश्रय गृह में दान दाताओं दिए गए धन व सामान को भी अनाधिकृत रूप से रखा गया। साथ ही जांच में पाया गया कि बाथरूम में सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए। बालिकाओं की निजता व सम्मान का उल्लंघन किया गया। गांव सैलई की एक मूक बधिर महिला द्वारा आश्रय गृह में कुछ लोगों के द्वारा दुष्कर्म किए जाने की बात संज्ञान में आई। इसके लिए संचालक मण्डल को दोषी पाया गया है।