-आवास विकास कालोनी सेक्टर एक से 16, जयपुर हाउस, कमला नगर, शाहगंज और लोहामंडी क्षेत्र हैं शामिल,

-निजी कंपनी के सर्वे में खुली पोल

- आवासीय भवनों में व्यावसायिक गतिविधियां हो रही हैं संचालित, सौ वार्डों में 3.20 लाख हैं भवन स्वामी

आगरा.नगर निगम के अफसरों की लचर कार्यशैली के चलते शहर में हर साल पांच करोड़ रुपये की हाउस टैक्स की चोरी हो रही है। यह पर्दाफाश निजी कंपनी के सर्वे में हुआ है। इसके दायरे में आवास विकास कालोनी सेक्टर एक से 16, जयपुर हाउस, कमला नगर, शाहगंज, लोहामंडी, न्यू आगरा, बल्केश्वर प्रमुख रूप से शामिल हैं।

इन क्षेत्रों में सबसे अधिक आवासीय भवनों में व्यावसायिक गतिविधियां हो रही हैं

नियमानुसार व्यावसायिक गतिविधियां होने पर व्यावसायिक टैक्स की वसूली होनी चाहिए, लेकिन इसके बाद भी हाउस टैक्स की वसूली हो रही है। प्रदेश सरकार के आदेश पर निजी कंपनी को नगर निगम के सौ वार्डों में संपत्तियों के सर्वे का जिम्मा दिया गया था। कंपनी ने आवास विकास सहित अन्य क्षेत्रों में सर्वे किया। इसमें पाया गया कि हर दस में से तीन भवनों में व्यावसायिक गतिविधियां हो रही हैं। नगर निगम के सौ वार्डों में 3.20 लाख भवन स्वामी हैं। कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि बड़ी संख्या में भवन स्वामी ऐसे भी हैं जो भवन के एरिया के हिसाब से कम टैक्स जमा कर रहे हैं। भवनों में दुकानें, मोबाइल टावर, शराब की दुकानें, कार्यालय, बैंक सहित अन्य तक खुले हुए हैं।

लापरवाही

आवासीय भवनों में व्यावसायिक गतिविधियों के हिसाब से टैक्स वसूला जाए तो निगम प्रशासन को अच्छा खासा राजस्व मिल सकता है। इससे पांच करोड़ रुपये का नुकसान नहीं होगा।

100 करोड़ रुपये टैक्स की हो सकती है वसूली

पार्षद रवि माथुर का कहना है कि नगर निगम प्रशासन भले ही 70 करोड़ रुपये के टैक्स की वसूली का लक्ष्य रखा हो, लेकिन 100 करोड़ रुपये की वसूली हो सकती है। निगम प्रशासन दो साल से लक्ष्य के सापेक्ष टैक्स नहीं वसूल पा रहा है।

70 करोड़ रुपये का है लक्ष्य

इस वित्तीय साल में नगर निगम प्रशासन ने 70 करोड़ रुपये के हाउस टैक्स की वसूली का लक्ष्य रखा है। अब तक सात करोड़ रुपये का टैक्स वसूला जा चुका है।

हाउस टैक्स की वसूली पर फोकस

मेयर नवीन जैन का कहना है कि हाउस टैक्स की वसूली पर फोकस किया जा रहा है। इस साल जो भी लक्ष्य है, उतनी वसूली का प्रयास होगा।